Himachal News: पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने हिमाचल आपदा राहत के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। हिमाचल ने सबसे भयंकर आपदा झेली। सैकड़ों लोग मरे, हजारों घायल हुए। सड़कें और पानी की योजनाएं बर्बाद हुईं। शांता ने कहा कि मौजूदा सहायता नाकाफी है। उन्होंने भारत सरकार के पास पड़े 2 लाख करोड़ के लावारिस धन से 20,000 करोड़ देने की मांग की।
लावारिस धन का सुझाव
शांता कुमार ने हिमाचल आपदा राहत के लिए लावारिस धन के उपयोग का प्रस्ताव दिया। बैंकों में 42,270 करोड़, डाकघर में 32,273 करोड़, ईपीएफ में 8,500 करोड़ और बीमा कंपनियों में 20,062 करोड़ रुपये पड़े हैं। यह धन वर्षों से बिना दावे के है। शांता ने सुझाव दिया कि सरकार कानून बनाकर इस धन को राष्ट्रीय आपदा के लिए उपयोग करे। हिमाचल को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की।
आपदा की भयावहता
हिमाचल आपदा राहत की जरूरत पर शांता ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल अभूतपूर्व आपदा से जूझ रहा है। सैकड़ों सड़कें और पानी की योजनाएं नष्ट हो गईं। हजारों लोग प्रभावित हुए। अखबारों में आपदा की खबरें दिल दहला देती हैं। शांता ने कहा कि केंद्र और राज्य की मदद नाकाफी है। बड़ी राहत के बिना पुनर्वास मुश्किल है।
मुख्यमंत्री को पत्र
शांता कुमार ने हिमाचल आपदा राहत के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी पत्र भेजा। उन्होंने आग्रह किया कि मुख्यमंत्री पीएम से मिलकर विशेष राहत की मांग करें। शांता ने सुझाव दिया कि 2 लाख करोड़ के लावारिस धन में से 20,000 करोड़ हिमाचल को मिले। इससे आपदा प्रभावितों को राहत दी जा सकती है। सरकार को कानून बनाकर इस धन का उपयोग करना चाहिए।
