Himachal News: हिमाचल में प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की। उन्होंने भारी बारिश और बादल फटने से हुए नुकसान की जानकारी दी। सड़कें, पुल, भवन और जलापूर्ति योजनाएं बर्बाद हो गईं। कई लोगों की जान गई। सीएम ने प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास और केंद्र से सहायता की मांग की।
पुनर्वास के लिए जमीन की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों ने जमीन खो दी, उन्हें एक बीघा जमीन दी जाए। हिमाचल का 68% हिस्सा वन क्षेत्र है। इसलिए, पुनर्वास के लिए वन नियमों में ढील जरूरी है। सुक्खू ने पहाड़ी राज्यों की अलग भौगोलिक जरूरतों के लिए विशेष मानदंड बनाने की मांग की। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा जताई गई।
नदियों में गाद की समस्या
सीएम ने नदियों में गाद जमा होने की समस्या उठाई। उन्होंने कहा कि गाद की समय पर सफाई न होने से प्राकृतिक आपदा का खतरा बढ़ता है। इसके लिए जरूरी निर्देश जारी करने की मांग की। सुक्खू ने बताया कि बादल फटने की घटनाएं अब बार-बार हो रही हैं। इस मुद्दे पर पहले केंद्रीय गृह मंत्री से भी चर्चा हो चुकी है।
जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन
मुख्यमंत्री ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए केंद्र सरकार की एक टीम पहले ही हिमाचल का दौरा कर चुकी है। प्राकृतिक आपदा की घटनाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन एक बड़ा कारण है। राज्य सरकार प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। फिर भी, केंद्र की मदद जरूरी है।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, वरिष्ठ अधिकारी सुरेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) केके. पंत और प्रधान आवासीय आयुक्त अजय यादव मौजूद रहे। मंत्रालय और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। हिमाचल सरकार केंद्र से सहयोग की उम्मीद कर रही है।
