Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण लेने जा रही है। इस ऋण की अवधि छह वर्ष निर्धारित की गई है और इसे 29 अक्तूबर 2031 तक चुकाना होगा। राज्य सरकार ने इस ऋण की नीलामी प्रक्रिया 28 अक्तूबर को पूरी करने का लक्ष्य रखा है। यह राशि 29 अक्तूबर को सरकारी खाते में जमा हो जाएगी।
इस नए ऋण के बाद हिमाचल प्रदेश का कुल ऋण भार 1,01,775 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर जाएगा। यह आंकड़ा राज्य की वित्तीय सेहत के लिए चिंताजनक संकेत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ता ऋण भार भविष्य में राज्य के विकास कार्यों पर असर डाल सकता है।
राज्य सरकार के पास दिसंबर महीने तक 7,000 करोड़ रुपये ऋण लेने की सीमा है। 200 करोड़ रुपये के इस नए ऋण के बाद सरकार के पास केवल 6,900 करोड़ रुपये की ऋण सीमा शेष रह जाएगी। इसके बाद दिसंबर तक केवल 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण ही लिया जा सकेगा।
प्रतिकूल वित्तीय परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ने दीवाली के अवसर पर कर्मचारियों और पेंशनरों को 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते की नई किस्त जारी की है। इस कदम से सरकारी कर्मचारियों को राहत मिली है। हालांकि इससे सरकार के वित्तीय बोझ में और इजाफा होगा।
राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से ऋण लेने की सीमा बढ़ाने की मांग कर रही है। इस मांग के पीछे सरकार का तर्क है कि बढ़ी हुई ऋण सीमा से वह विकास कार्यों को जारी रख सकेगी। अब तक केंद्र सरकार ने इस मांग पर कोई रियायत नहीं दी है। वित्त मंत्रालय ने ऋण सीमा में बदलाव पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य सरकार को राजस्व बढ़ाने के नए तरीके ढूंढने होंगे। केवल ऋण पर निर्भरता दीर्घकालिक समाधान नहीं है। राज्य की आर्थिक विकास दर में सुधार और निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है। इससे राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकेगा।
ऋण प्रबंधन राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। बढ़ते ऋण भार से राज्य की ऋण सेवा लागत में वृद्धि हो रही है। इससे विकास कार्यों के लिए उपलब्ध संसाधन सीमित हो रहे हैं। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
आर्थिक मामलों के जानकार मानते हैं कि राज्य सरकार को व्यय प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करनी होगी। साथ ही राजस्व संग्रहण में सुधार के उपाय करने होंगे। केवल ऋण लेने का रास्ता टिकाऊ नहीं है।
