Himachal News: हिमाचल के रामपुर में एक अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने दोषी को 20 साल कठोर कारावास की सजा दी है। दोषी को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। इसके अलावा, पीड़ित लड़की को सरकार की तरफ से एक लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर की अदालत ने सुनाया।
गणतंत्र दिवस पर जाल में फंसाया
उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने हिमाचल के इस केस की जानकारी दी। घटना 26 जनवरी 2024 की है। पीड़िता ज्यूरी में गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम देखने गई थी। वहां उसकी मुलाकात आरोपी से हुई। आरोपी ने उसे रामपुर में बेहतर कार्यक्रम दिखाने का लालच दिया। वह उसे अपने साथ एक गेस्ट हाउस ले गया। आरोपी ने शराब के नशे में वहां नाबालिग के साथ जबरदस्ती की।
गर्भवती होने पर बस अड्डे पर छोड़ा
अगले दिन आरोपी ने लड़की को शादी का झूठा वादा किया। वह उसे अपने घर ले गया और 6 महीने तक अपने पास रखा। इस दौरान पीड़िता गर्भवती हो गई। आरोपी ने गर्भपात के लिए उसे दवाइयां खिला दीं। इससे लड़की की तबीयत बहुत खराब हो गई। घबराकर आरोपी उसे रामपुर बस स्टैंड पर लावारिस छोड़कर भाग गया।
15 गवाहों की गवाही से मिली सजा
पीड़िता ने अपनी मां को आपबीती सुनाई। इसके बाद पुलिस ने हिमाचल के रामपुर में केस दर्ज किया। पुलिस ने अदालत में 15 गवाह पेश किए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया। पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का भी आदेश हुआ है।
