शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल विवाद: ‘कॉर्निवल’ के नाम पर व्यापारियों से सरकारी पत्र से ‘चंदा’ मांगने का आरोप

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Himachal News: भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सांस्कृतिक आयोजनों के नाम पर व्यापारियों से दबाव बनाकर पैसे मांग रही है। शर्मा ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह स्वैच्छिक सहयोग नहीं, बल्कि डर से कराई जा रही उगाही है।

शर्मा के अनुसार, कांगड़ा वैली कॉर्निवल के नाम पर पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियों और मिल मालिकों को सरकारी पत्र जारी कर योगदान मांगा गया। उन्होंने कहा कि यह सरकारी ताकत के गलत इस्तेमाल का जीवंत प्रमाण है। प्रशासन का इस तरह दुरुपयोग निंदनीय है।

विपक्षी नेता ने उठाए सवाल

सुधीर शर्माने सरकार से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या कॉर्निवल आयोजित करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। क्या इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया। उन्होंने यह भी पूछा कि सरकारी लेटरहेड पर चंदा क्यों मांगा जा रहा है।

शर्मा ने कहा कि सरकार को आयोजनों के लिए बजट का प्रावधान करना चाहिए। व्यापारियों और लाइसेंसधारकों पर बोझ नहीं डालना चाहिए। उनके अनुसार प्रदेश में तनावपूर्ण माहौल बना दिया गया है।

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दबाव और भय के माहौल का आरोप

भाजपानेता ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में तानाशाही जैसा माहौल है। अधिकारी राजनीतिक दबाव में काम करने को मजबूर हैं। व्यापारी वर्ग भय के साये में जी रहा है। सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल रही है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन को राजनीतिक वसूली की एजेंसी बना दिया गया है। यह पत्र इस बात का सबूत है कि किस तरह से प्रशासनिक ताकत का गलत इस्तेमाल हो रहा है। ऐसा करना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

भाजपा ने घोषित किया संघर्ष

सुधीर शर्माने स्पष्ट किया कि भाजपा इस मामले को गंभीरता से ले रही है। पार्टी सरकारी तंत्र के इस दुरुपयोग के खिलाफ संघर्ष करेगी। यह संघर्ष सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगा। सरकार की तानाशाही का अंत तय है।

उन्होंने एक काव्यात्मक पंक्ति के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी। शर्मा ने कहा कि सत्ता के बल पर उगाही का तमाशा करने वालों का असली चेहरा जल्द सामने आ जाएगा। प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है।

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सरकारी पत्र के माध्यम से मांग

आरोप हैकि सरकारी पत्र के माध्यम से विभिन्न व्यवसायियों से आर्थिक योगदान मांगा गया। इनमें पेट्रोल पंप, एलपीजी एजेंसी, राइस मिल और ईंट भट्ठा मालिक शामिल हैं। सभी लाइसेंसधारकों को यह पत्र भेजे गए।

शर्मा ने कहा कि यह कोई स्वैच्छिक सहयोग नहीं है। यह डर और दबाव के माहौल में की जा रही उगाही है। इस तरह के कार्य से व्यापारी वर्ग में रोष है। लोग सरकार के इस रवैये से नाराज हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और भविष्य

इस मामलेने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्षी दल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे पर चर्चा जारी है।

सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनता इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने सरकार की अव्यवस्था और उगाही के खिलाफ आवाज उठाने का वादा किया। इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई देखने वाली रहेगी।

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