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शनिवार, जून 3, 2023
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हिमाचल: भांग की खेती जल्द से जल्द शुरू करने के लिए विधायकों की कमेटी उतराखंड दौरे पर

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विधायकों की एक कमेटी उन क्षेत्रों का दौरा कर रही है, जहां भांग की खेती हो रही है।

इस कमेटी ने शनिवार को बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के नेतृत्व में उतराखंड की राजधानी देहरादून के शैलाकुई में सगंध पौधा केंद्र का दौरा किया।

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जगत सिंह नेगी ने कहा कि सगंध पौधा केंद्र में दौरे के दौरान खेती शुरू करने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर समिति ने विस्तार से जानकारी हासिल की। इस दौरान मामले से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों से तकनीकी जानकारी भी हासिल की है।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक और गैर-मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरु करने को लेकर प्रदेश सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है।

इस दौरान सगंध पौधा केंद्र के निदेशक नृपेंद्र चौहान ने समिति को वर्चुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा वर्ष 2022 में औद्योगिक हैम्प का वैश्विक बाजार लगभग 5600 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2027 तक बढ़कर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

इससे पूर्व समिति ने केंद्र में अत्याधुनिक पौध नर्सरी, औषधीय पौधों, सुगंधित फूलों की खेती के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इसके उत्पादन का भी अवलोकन किया। समिति के सदस्यों ने पौध केंद्र द्वारा भांग की खेती को वैध करने के लिए तैयार किए गए प्रारूप पर भी विचार-विमर्श किया।

समिति इस दौरान भांग की खेती करने वाले उत्तराखंड के किसानों के अनुभवों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेगी।

बता दें कि साल 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत भारत में भांग की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। दरअसल भांग का प्रयोग नशीली चीजों में होने लगा था, जिसे रोकने के लिए यह फैसला लिया गया था। लेकिन हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि राज्य सरकार भांग की खेती को वैध बनाने पर विचार कर रही है।

हिमाचल सरकार के मुताबिक भांग की खेती राज्य के लिए राजस्व उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, यह रोगियों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.

राज्य सरकार ने विधायकों की पांच सदस्यीय समिति बनाई हहै। यह समिति उन इलाकों का दौरा करेगी जहां भांग की अवैध खेती होती है और एक महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार आगे का कोई फैसला लेगी।

सनद रहे कि हिमाचल का पड़ोसी राज्य उत्तराखंड 2017 में भांग की खेती को वैध बनाने वाला देश का पहला राज्य है। गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में नियंत्रित खेती की जा रही है।

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