Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को स्पष्ट किया कि थुनाग में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाले आरोपियों के खिलाफ दर्ज केस तभी वापस लिए जाएंगे, जब वे माफी मांगेंगे। विधानसभा में प्राकृतिक आपदा पर चर्चा के दौरान सुक्खू ने कहा कि सरकार तिरंगे की गरिमा से समझौता नहीं करेगी।
राष्ट्रीय ध्वज अपमान मामले की पृष्ठभूमि
पिछले महीने जंजैहली और थुनाग में भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के वाहन पर कथित तौर पर जूते और काले झंडे फेंके थे। उनके वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज लगा हुआ था। इस घटना के बाद मंडी पुलिस ने 50 से अधिक लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। यह क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सिराज विधानसभा क्षेत्र में आता है।
सिराज के लिए राहत पैकेज की घोषणा
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में घोषणा की कि सिराज विधानसभा क्षेत्र के लिए राहत पैकेज पूरे राज्य में समान रूप से वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2023 की आपदा से प्रभावित लोगों के लिए 250 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी है। हालांकि, दूसरी किस्त इसलिए रुकी हुई है क्योंकि कई पीड़ितों के पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं है।
वन भूमि हस्तांतरण की चुनौती
सुक्खू ने कहा कि सरकार आश्रय गृहों के लिए धन जारी करने को तैयार है, लेकिन वन संरक्षण अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम में संशोधन के बिना वन भूमि का हस्तांतरण संभव नहीं है। उन्होंने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का समर्थन लेने के लिए सहयोग मांगा।
आपदा राहत कार्यों का बचाव
सिराज में राहत कार्यों को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सुक्खू ने कहा कि आपदा के बाद सबसे पहले वह खुद सिराज पहुंचे थे। उन्होंने यह भी बताया कि ठाकुर को दूरदराज के इलाकों का दौरा करने के लिए सरकारी हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया गया था।
जल आपूर्ति बहाली के प्रयास
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि जल शक्ति विभाग को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। विभाग के कर्मचारियों ने अस्थायी जलापूर्ति बहाल करने के लिए दिन-रात काम किया, लेकिन स्थायी समाधान के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता है।
