Himachal News: हिमाचल प्रदेश के थुनांग में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। मंडी जिले के कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री में 150 लोग फंस गए थे। इनमें दो गर्भवती महिला प्रोफेसर भी थीं। रास्ते बंद होने से कोई मदद नहीं पहुंच पा रही थी। छात्रों ने हिम्मत दिखाई और कुर्सी को पालकी बनाकर अपनी प्रोफेसर को 11 किलोमीटर पैदल चलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
छात्रों की बहादुरी ने बचाई जान
कॉलेज में उस रात भयावह मंजर था। बादल फटने से रास्ते, सड़कें और पुल बह गए। थुनांग में कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर के 282 छात्रों में से 80 लड़कियों ने अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने कुर्सी को पालकी बनाया और अपनी गर्भवती प्रोफेसर को कंधों पर उठाकर सुरक्षित स्थान तक ले गए। यह रेस्क्यू मिशन मुश्किल भरे रास्तों और मलबे के बीच पूरा हुआ।
तबाही के बीच राहत कार्य
हिमाचल बादल फटना जैसी आपदा ने थुनांग को भूतिया शहर में बदल दिया। मंडी जिले में 10 लोगों की मौत हुई और 34 लापता हैं। सड़कें, घर और बुनियादी ढांचा तबाह हो गया। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन राहत कार्य में जुटे हैं। कॉलेज को खाली करा लिया गया है और इसे सुंदरनगर शिफ्ट करने का फैसला हुआ है।
स्कूल-कॉलेज बंद, सुरक्षा पहली प्राथमिकता
आपदा के बाद थुनांग के सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने कॉलेज को अस्थायी रूप से सुंदरनगर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। छात्रों ने हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षाएं स्थगित करने की मांग भी की। सरकार ने आश्वासन दिया कि जब तक स्थिति सुरक्षित नहीं होगी, छात्रों को वापस नहीं भेजा जाएगा।
मॉनसून की मार से हाहाकार
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने भारी तबाही मचाई। थुनांग में 1 जुलाई को 140.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 1939% अधिक थी। नदियां उफान पर हैं और पहाड़ों से मलबा गिर रहा है। राहत कार्यों में बाधा आ रही है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।
