Himachal News: हिमाचल प्रदेश की हिमाचल कैबिनेट ने जल शक्ति विभाग में कार्यरत जल रक्षकों के लिए बड़ा फैसला लिया। 12 साल की सेवा पूरी करने वाले 1386 कर्मचारियों को पंप अटेंडेंट बनाया जाएगा। इसके लिए 1386 नए पद सृजित किए गए हैं। यह निर्णय 31 दिसंबर 2024 तक लागू होगा। इस कदम से विभाग पर 18 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ेगा। कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई।
जल रक्षकों को नई जिम्मेदारी
हिमाचल कैबिनेट के इस फैसले से जल रक्षकों को नई भूमिका मिलेगी। पंप अटेंडेंट के रूप में उनकी जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। यह कदम कर्मचारियों के करियर विकास में मदद करेगा। जल शक्ति विभाग ने इस निर्णय को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नए पदों के सृजन से विभाग की कार्यक्षमता में सुधार होगा। कर्मचारियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। यह कदम उनके लिए आर्थिक और सामाजिक स्थिरता लाएगा।
विभाग पर वित्तीय प्रभाव
हिमाचल कैबिनेट के निर्णय से जल शक्ति विभाग पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। 1386 नए पदों के सृजन से सालाना 18 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह राशि कर्मचारियों के वेतन और अन्य सुविधाओं के लिए होगी। विभाग ने इस खर्च को वहन करने की योजना बनाई है। इस कदम से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। जल शक्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट जल शक्ति विभाग पर इसकी जानकारी उपलब्ध है।
कर्मचारियों की मांग पूरी
हिमाचल कैबिनेट ने जल रक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों के लिए सम्मानजनक कदम है। 31 दिसंबर 2024 तक 12 साल की सेवा पूरी करने वाले सभी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस निर्णय से जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कर्मचारियों ने सरकार के इस कदम को सराहा और खुशी जताई।
