Himachal News: हिमाचल प्रदेश और बीबीएमबी के बीच बिजली हिस्सेदारी का विवाद सुप्रीम कोर्ट में है। शुक्रवार को चंडीगढ़ में अधिकारियों की बैठक हुई। पुरानी देनदारी का मामला कोर्ट में चल रहा है। हिमाचल 1966 से 2011 तक 7.19% बिजली हिस्सा मांग रहा है। बीबीएमबी की जमीन और डैम सिक्योरिटी पर भी चर्चा हुई। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई तय हो चुकी है।
अधिकारियों की बैठक में अहम मुद्दे
शुक्रवार को चंडीगढ़ में बीबीएमबी और हिमाचल के अधिकारियों ने मुलाकात की। बिजली आपूर्ति और रेट पर चर्चा हुई। 2011 के बाद हिमाचल को हिस्सा मिल रहा है। कुछ आंतरिक मसलों पर बात हुई। बीबीएमबी की अप्रयुक्त जमीन हिमाचल को चाहिए। केंद्र सरकार के स्तर पर इस पर बात चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। यह मामला प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट में पुरानी देनदारी का मामला
1966 से 2011 तक की बिजली हिस्सेदारी का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। 2011 में कोर्ट ने हिमाचल के हक में फैसला दिया था। हिमाचल को 13,066 मिलियन यूनिट बिजली मिलनी है। पंजाब और हरियाणा को 60:40 अनुपात में भुगतान करना है। अगली सुनवाई नई बेंच के सामने होगी। कोर्ट के आदेश पर अमल होगा। हिमाचल बिजली के रूप में हिस्सा चाहता है।
डैम सिक्योरिटी पर जोर
हिमाचल ने बीबीएमबी से डैम सिक्योरिटी पर गंभीरता दिखाने को कहा। पंडोह डैम में पानी छोड़ने से नुकसान होता है। अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए। हिमाचल ने डैम से जुड़े मसले उठाए हैं। बीबीएमबी को सुरक्षा उपाय बढ़ाने को कहा गया है। यह कदम स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। प्रशासन इस पर नजर रखे हुए है।
हिमाचल को बिजली से लाभ की उम्मीद
हिमाचल ने साफ किया कि वह बकाया हिस्सेदारी के लिए पैसा नहीं चाहता। प्रदेश केवल बिजली के रूप में हिस्सा मांग रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लाभ होगा। हिमाचल बिजली को मौजूदा रेट पर बेच सकेगा। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। बकाया बिजली की वसूली से विकास कार्यों को गति मिलेगी। सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
लंबित हिस्सेदारी का ऐतिहासिक मामला
बीबीएमबी से हिस्सेदारी का मामला दशकों से लंबित है। 27 सितंबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल के हक में फैसला दिया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 1 नवंबर, 2011 से 7.19% बिजली देने का निर्देश दिया। मंत्रालय ने 1966 से 2011 तक की बकाया रिपोर्ट दी। हिमाचल को 13,066 मिलियन यूनिट बिजली मिलनी है। पंजाब और हरियाणा से वसूली बाकी है।
