Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो रहा है। यह अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा, जिसमें आठ बैठकें होंगी और 744 प्रश्न उठेंगे। सत्र की शुरुआत शहीदों को श्रद्धांजलि और पूर्व विधायक बाबू राम गौतम के प्रति शोक संदेश के साथ होगी। सुरक्षा के लिए 1100 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
इस सत्र में विधायकों ने कुल 744 प्रश्न दाखिल किए हैं, जिनमें 604 तारांकित और 140 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। यह पहली बार है जब सभी प्रश्न ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त हुए हैं। सत्र के दौरान 28 नवंबर और 4 दिसंबर को गैर-सरकारी सदस्य कार्य के लिए निर्धारित किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सत्ता और विपक्ष दोनों से सहयोग की अपील की है।
सुरक्षा और आवास की व्यवस्था
कांगड़ा जिला प्रशासन ने सत्र के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। धर्मशाला शहर को दस सुरक्षा क्षेत्रों में बांटा गया है, जहां चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू धर्मशाला के विश्राम गृह में ठहरेंगे, जबकि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जलशक्ति विभाग के समीप स्थित विश्राम गृह में रहेंगे। अधिकतर मंत्री और विधायक निजी होटलों में ठहरेंगे।
राजनीतिक रणनीतियां और महत्वपूर्ण मुद्दे
सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक के आसार हैं। विपक्षी दल भाजपा कानून-व्यवस्था और पंचायत चुनाव टालने के मुद्दे पर सरकार को घेरना चाहती है। वहीं सरकार अपने तीन साल के कामकाज का बचाव करते हुए पलटवार कर सकती है। सत्र से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने-अपने विधायक दलों की बैठकें कर रणनीति तैयार की है।
सदन में उठने वाले प्रश्नों में आपदा प्रबंधन, बाढ़ राहत, स्कूलों का विलय, भारी बारिश से हुए नुकसान, सड़क व पुल निर्माण, स्वास्थ्य संस्थानों का उन्नयन, विभागों में रिक्त पद, युवाओं में बढ़ते नशे की रोकथाम और परिवहन व्यवस्था जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन मुद्दों पर सदन में गर्म बहस की उम्मीद है।
तपोवन में पर्यटन को बढ़ावा
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र को जल्द शुरू करने का निर्णय पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ताकि विधानसभा सत्र के चलते पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। विधानसभा भवन को अब पर्यटन गतिविधियों के लिए भी खोल दिया गया है, जहां आगंतुकों और छात्रों के लिए निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था की गई है। इससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मीडिया पर प्रतिबंध और तकनीकी सुधार
सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए विधानसभा परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। मीडिया चुने हुए जनप्रतिनिधियों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से बातचीत नहीं कर पाएंगे। इस बार विधायकों के लिए तकनीकी सुविधाओं में भी सुधार किया गया है। सभी प्रश्न ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हुए हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिली है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और वर्तमान संदर्भ
धर्मशाला में शीतकालीन सत्र की परंपरा तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वर्ष 2005 में शुरू की थी। पहला सत्र धर्मशाला स्थित राजकीय महाविद्यालय के प्रयास भवन में हुआ था। इसके बाद तपोवन में विधानसभा भवन का निर्माण किया गया और 2006 में पहली बार नए भवन में सत्र आयोजित किया गया। तब से यह परंपरा निरंतर जारी है, हालांकि समय के साथ राजनीतिक परिदृश्य में काफी बदलाव आया है।
सत्र के दौरान बुधवार को संविधान दिवस भी मनाया जाएगा। 29 और 30 नवंबर को सदन की बैठकें नहीं होंगी। यह वर्तमान विधानसभा का दसवां सत्र है, जो 5 दिसंबर तक चलेगा। इस वर्ष बजट सत्र में 15, मानसून सत्र में 12 और शीतकालीन सत्र में 8 बैठकों के साथ कुल 35 बैठकें पूरी हो जाएंगी।
