Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने छतरपुर की प्रोफेसर ममता पाठक को हाई कोर्ट फैसला में दोषी ठहराया। उन्हें पति नीरज पाठक की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा मिली। ममता ने बिना वकील के खुद कोर्ट में केस लड़ा। 2022 में जिला अदालत ने भी उन्हें दोषी ठहराया था। ममता ने नींद की गोलियां और बिजली के झटके से हत्या की थी।
हत्या का मामला और जांच
2021 में छतरपुर में नीरज पाठक अपने घर में मृत पाए गए। शुरू में पुलिस ने इसे करंट से मौत माना। लेकिन पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट ने हत्या का खुलासा किया। ममता पाठक पर अपने रिटायर्ड डॉक्टर पति की हत्या का आरोप लगा। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जिला अदालत ने 2022 में ममता को आजीवन कारावास की सजा दी। ममता ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
ममता पाठक की कोर्ट में दलील
ममता ने हाई कोर्ट में बिना वकील के अपना बचाव किया। उन्होंने दावा किया कि थर्मल और इलेक्ट्रिक बर्न एक जैसे दिखते हैं। केवल रासायनिक विश्लेषण से अंतर पता चलता है। उनकी इस दलील ने कोर्ट को चौंकाया। यह मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। फिर भी, हाई कोर्ट फैसला ने ममता को दोषी ठहराया। कोर्ट ने मेडिकल सबूतों को आधार माना।
जिला अदालत से हाई कोर्ट तक
जिला अदालत ने ममता को 2022 में दोषी ठहराया था। उन्हें कुछ समय के लिए बेटे की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत मिली। ममता ने हाई कोर्ट में अपील की और खुद केस लड़ा। हाई कोर्ट फैसला ने जिला अदालत के निर्णय को बरकरार रखा। ममता को आईपीसी धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यह मामला छतरपुर में चर्चा का विषय बना।
