शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हाईकोर्ट: हिमाचल में बिजली की बढ़ी हुई दरों पर लगाई रोक, बिजली शुल्क अधिनियम का बताया उल्लंघन; उद्योगों को मिलेगी राहत

High Court: हाईकोर्ट ने हिमाचल में बड़े और मध्यम उद्योगों से बढ़ी बिजली दरें वसूलने पर रोक लगाई। यह फैसला बिजली शुल्क अधिनियम के उल्लंघन पर आया।

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लक्ष्मी स्टोन क्रशर की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने बड़े और मध्यम उद्योगों से बढ़ी बिजली दरें वसूलने पर अंतिम रोक लगा दी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। यह फैसला बिजली शुल्क अधिनियम 2009 की धारा 11(2) के उल्लंघन के कारण आया। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

बिजली दरों में वृद्धि पर सवाल

हाईकोर्ट ने पाया कि बिजली दरों में 11 से 25 और फिर 37.5 फीसदी की वृद्धि नियमों के खिलाफ है। यह वृद्धि बिजली शुल्क अधिनियम की धारा 11(2) का उल्लंघन करती है। कोर्ट ने सरकार और विद्युत बोर्ड को 16.5 फीसदी से अधिक शुल्क वसूलने से रोका। हिमाचल सरकार की वेबसाइट पर अधिनियम की जानकारी उपलब्ध है। प्रतिवादियों को विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा गया।

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उद्योगों पर वित्तीय बोझ

याचिकाकर्ता ने बताया कि बढ़ी दरों से उद्योगों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ा। 20 जुलाई 2017 को बिजली शुल्क 11 फीसदी था। 1 सितंबर 2023 को इसे 25 फीसदी और 18 जनवरी 2024 को 37.5 फीसदी कर दिया गया। यह वृद्धि उद्योगों के लिए नुकसानदायक है। हाईकोर्ट ने इस वृद्धि को प्रथमदृष्टया गैरकानूनी माना। कोर्ट ने सरकार को दरों पर पुनर्विचार करने को कहा।

अधिनियम का उल्लंघन

याचिका में कहा गया कि बिजली शुल्क अधिनियम की धारा 11(2) एक बार में 50 फीसदी से अधिक वृद्धि की अनुमति नहीं देती। 25 से 37.5 फीसदी की बढ़ोतरी इस नियम का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने इस आधार पर रोक लगाई। सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करना होगा। उद्योगों को फिलहाल राहत मिली है, लेकिन मामले की सुनवाई अभी जारी रहेगी।

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Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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