Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी को माजरा थाना क्षेत्र में धारा 163 उल्लंघन के मामले में नियमित जमानत दी। न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने दोनों नेताओं को जांच में सहयोग करने की शर्त के साथ यह राहत प्रदान की। सिरमौर जिले में एक युवती के कथित अपहरण से जुड़े प्रदर्शन के बाद यह मामला दर्ज हुआ था, जिसने स्थानीय लोगों में तनाव पैदा किया।
माजरा में क्या हुआ
13 जून को सिरमौर के माजरा थाना क्षेत्र में एक 18 वर्षीय युवती के कथित अपहरण का मामला सामने आया। एक समुदाय विशेष के 19 वर्षीय युवक पर आरोप था कि उसने युवती को भगा लिया। इसके विरोध में राजीव बिंदल के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने रैली निकाली। डीसी सिरमौर ने क्षेत्र में धारा 163 लागू कर पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई थी। फिर भी, 14 जून को प्रदर्शनकारियों ने माजरा थाना मार्ग पर धरना दिया, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।
पुलिस की कार्रवाई
माजरा पुलिस ने धारा 163 के उल्लंघन और हिंसा के लिए राजीव बिंदल, सुखराम चौधरी और 50 अन्य लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 299, 132, 191(2), 191(3), 190, 351(2), 115(2), 121(1) और 109 के तहत मामला दर्ज किया। इस हिंसा में 10 से अधिक लोग, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे, घायल हुए। बिंदल और चौधरी ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी थी।
कोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने 17 जून को बिंदल और चौधरी को अंतरिम राहत दी थी, जिसमें पुलिस को कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश दिया गया। 8 जुलाई को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और अब नियमित जमानत दे दी। दोनों नेताओं का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। अगली सुनवाई 24 जून को होगी, और तब तक पुलिस कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी।
