Mandi News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी में सहायक प्रोफेसर जूलॉजी की नियुक्ति रद्द कर दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने पाया कि चयनित उम्मीदवार को गलत तरीके से अतिरिक्त अंक दिए गए थे। अदालत ने विश्वविद्यालय को प्रतीक्षा सूची में अगले योग्य उम्मीदवार को नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने पाया कि चयनित उम्मीदवार ने 2004 से 2008 के बीच जो अनुभव दावा किया, उस समय उनके पास आवश्यक योग्यता नहीं थी। उन्होंने एमफिल की डिग्री 2008 में प्राप्त की थी। इसलिए इस अवधि के अनुभव के लिए अंक देने का कोई आधार नहीं था।
इटरनल यूनिवर्सिटी के प्रमाणपत्रों पर संदेह
अदालत ने इटरनल यूनिवर्सिटी के अनुभव प्रमाणपत्रों पर गंभीर संदेह व्यक्त किया है। आरटीआई के जवाब में यूनिवर्सिटी ने बताया था कि उनके पास चयनित उम्मीदवार का कोई रिकॉर्ड नहीं है। बाद में दावा किया गया कि रिकॉर्ड 2022 की बाढ़ में नष्ट हो गए।
विश्वविद्यालय ने बताया कि उनके प्राणी शास्त्र विभाग की स्थापना 2015 में हुई थी। उस दौरान बीएससी या एमएससी की कक्षाएं भी नहीं चलती थीं। अदालत ने विश्वविद्यालय के जवाब को गोलमोल बताया।
चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी
अदालत ने विश्वविद्यालय के इस तर्क को खारिज कर दिया कि चयन केवल साक्षात्कार के प्रदर्शन पर आधारित था। न्यायालय ने पाया कि गलत अंक देकर उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए योग्य बनाया गया था। यह याचिका वर्ष 2023 में दायर की गई थी।
अदालत ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया है। विश्वविद्यालय को अब प्रतीक्षा सूची में अगले योग्य उम्मीदवार को नियुक्त करना होगा। इस फैसले से भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता का संदेश गया है।
