शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हेल्थ ट्रेंड 2025: सर्कैडियन डाइट बनी नंबर वन, कीटो और IF हुए पीछे

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Health News: वजन घटाने के लिए नई-नई डाइट आती और जाती रहती हैं। कीटो और इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसे तरीके कभी बहुत चर्चा में रहे। लेकिन 2025 में स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक नए और प्राकृतिक तरीके की ओर इशारा कर रहे हैं। इसका नाम है सर्कैडियन स्मार्ट ईटिंग डाइट। यह डाइट शरीर की आंतरिक घड़ी के हिसाब से चलती है। यह तरीका स्थायी और प्रभावी माना जा रहा है।

यह डाइट केवल क्या खाना है इस पर ध्यान नहीं देती। बल्कि यह सिखाती है कि किस समय क्या खाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर का चयापचय या मेटाबॉलिज्म दिन के अलग-अलग समय अलग तरह से काम करता है। इसी सिद्धांत को समझकर यह डाइट तैयार की गई है। इससे वजन घटाने के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

क्यों बदल रहे हैं डाइट के नियम

पिछलेकुछ वर्षों में जीवनशैली में आए बदलाव ने हमारी प्राकृतिक शारीरिक लय को बाधित किया है। देर रात तक जागना, स्क्रीन का अधिक समय तक इस्तेमाल और अनियमित खानपान ने शरीर की घड़ी को गड़बड़ा दिया है। कीटो और इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसी डाइट केवल भोजन की मात्रा और प्रकार पर केंद्रित थीं। लेकिन उन्होंने भोजन के सही समय पर उतना जोर नहीं दिया।

2025 में वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर देना शुरू किया कि शरीर का वसा जलाने का सबसे अच्छा तरीका उसकी प्राकृतिक लय के साथ तालमेल बिठाना है। हमारा पाचन तंत्र दिन के कुछ खास घंटों में सबसे अच्छा काम करता है। सर्कैडियन डाइट इसी वैज्ञानिक सिद्धांत पर काम करती है। यही कारण है कि यह अचानक से सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रही है।

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सर्कैडियन डाइट के मुख्य सिद्धांत

इस डाइट कापहला और सबसे महत्वपूर्ण नियम है सूरज की रोशनी के हिसाब से खाना। इसका मतलब है दिन के उजाले में ज्यादा खाना और रात में हल्का भोजन करना। दोपहर के समय शरीर की पाचन शक्ति सबसे अधिक होती है। इसलिए दिन का मुख्य भोजन इसी समय करना चाहिए। रात का भोजन हल्का और सरल होना चाहिए।

दूसरा नियम है बारह घंटे का प्राकृतिक उपवास। यह इंटरमिटेंट फास्टिंग जितना सख्त नहीं है। उदाहरण के लिए, अगर आप रात आठ बजे खाना खाते हैं तो अगली सुबह आठ बजे तक कुछ न खाएं। इससे शरीर को आराम और पाचन का पर्याप्त समय मिल जाता है। यह तरीका शरीर के लिए बहुत प्राकृतिक और आसान है।

क्या खाएं और क्या न खाएं

सर्कैडियन डाइट मेंपूरे अनाज और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाता है। ताजे फल, हरी सब्जियां, दालें, अंकुरित अनाज और सूखे मेवे इस डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, पैकेट बंद स्नैक्स और चीनी युक्त पेय से बचने की सलाह दी जाती है। ये चीजें शरीर की प्राकृतिक लय को बिगाड़ सकती हैं।

नियमित समय पर भोजन करना भी इस डाइट का एक अहम हिस्सा है। हर दिन लगभग एक ही समय पर नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन करने से शरीर की आंतरिक घड़ी सही ढंग से काम करती है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर का चयापचय सुधरता है। यह आदत वजन घटाने में बहुत सहायक सिद्ध होती है।

क्यों है यह डाइट अधिक प्रभावी

सर्कैडियन डाइट शरीर कोलंबे समय तक भूखा नहीं रखती। इससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है और थकान महसूस नहीं होती। यह डाइट नींद के चक्र में सुधार करती है। रात में हल्का भोजन करने से नींद अच्छी आती है। गहरी और अच्छी नींद स्वस्थ वजन के लिए बहुत जरूरी है।

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इस डाइट से वजन धीरे-धीरे लेकिन स्थायी रूप से कम होता है। कीटो जैसी डाइट से वजन तेजी से घटता है लेकिन फिर वापस भी आ सकता है। सर्कैडियन डाइट एक स्थायी जीवनशैली बनाने में मदद करती है। यह हार्मोन के संतुलन को ठीक रखती है और शरीर की प्राकृतिक वसा जलाने की क्षमता को बढ़ाती है।

डाइट को अपनाना है आसान

इस डाइट कोअपनाने के लिए अतिरिक्त खर्च या विशेष सामग्री की जरूरत नहीं है। आपको बस अपने खाने का समय बदलना है और प्राकृतिक चीजों को प्राथमिकता देनी है। यह डाइट भारतीय खानपान के साथ आसानी से मेल खाती है। दोपहर में दाल, चावल, रोटी और सब्जी जैसा संतुलित भोजन किया जा सकता है।

रात में खिचड़ी, दलिया, सूप या हल्का सलाद लिया जा सकता है। नाश्ते में फल, ड्राई फ्रूट या स्प्राउट्स शामिल किए जा सकते हैं। इस तरह यह डाइट न केवल प्रभावी है बल्कि लंबे समय तक अपनाई जा सकने वाली है। यही कारण है कि विशेषज्ञ इसे 2025 की सबसे कारगर डाइट बता रहे हैं।

फिटनेस और पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में डाइट के नियम और अधिक व्यक्तिगत होंगे। सर्कैडियन डाइट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह डाइट हमें सिखाती है कि शरीर की प्राकृतिक लय के साथ चलकर ही बेहतर स्वास्थ्य पाया जा सकता है। यह न केवल वजन घटाने बल्कि समग्र कल्याण का एक स्थायी मार्ग है।

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