शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सर्दी में स्वास्थ्य सतर्कता: ठंड के मौसम में इन 6 बीमारियों का बढ़ता है खतरा, जानिए बचाव के तरीके

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Health News: सर्दियों में तापमान में अचानक गिरावट स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन सकती है। यह मौसम कई पुरानी बीमारियों को बढ़ा देता है। इससे दर्द, जकड़न और कमजोरी इतनी बढ़ सकती है कि दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

ठंड का असर अक्सर गर्मी आने पर कम हो जाता है। लेकिन सर्दी के महीनों में सावधानी बरतना जरूरी है। बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों की कई परतें पहनें और सिर को ढकें। शरीर को नमी से बचाएं क्योंकि इससे शरीर की गर्मी तेजी से कम होती है।

सोरायसिस और त्वचा संबंधी समस्याएं

सर्दियोंकी शुष्क हवा त्वचा की प्राकृतिक नमी को छीन लेती है। इससे सोरायसिस जैसी स्थितियां बढ़ सकती हैं। त्वचा फटने, जलन और तीव्र खुजली की समस्या हो सकती है। नहाने के बाद मॉइश्चराइजर लगाना और ह्यूमिडिफायर का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।

सीओपीडी और श्वसन समस्याएं

ठंडीहवा फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालती है। इससे सीओपीडी के मरीजों में सांस फूलना, खांसी और बलगम की समस्या बढ़ जाती है। फ्लू और अस्थमा भी इस स्थिति को और खराब कर सकते हैं। ठंडी हवा में सीधे सांस लेने से बचने की सलाह दी जाती है।

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फ्लू और प्रतिरक्षा में कमी

सर्दियोंमें फ्लू वायरस तेजी से फैलता है। धूप कम मिलने से शरीर में विटामिन डी का स्तर घटता है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ सकती है। बंद कमरों में संक्रमित लोगों के साथ रहना जोखिम बढ़ाता है। टीकाकरण और स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है।

अस्थमा के दौरे का खतरा

बहुत ठंडीहवा फेफड़ों की नलियों को सिकोड़ देती है। इससे अस्थमा के दौरे की संभावना बढ़ जाती है। अस्थमा के रोगियों को ठंड में बाहर निकलते समय स्कार्फ या मास्क पहनना चाहिए। यह हवा को थोड़ा गर्म करने में मदद करता है।

आर्थराइटिस और जोड़ों का दर्द

ठंड सेजोड़ों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे जकड़न, दर्द और सूजन बढ़ सकती है। वायुमंडलीय दबाव में कमी से शरीर के ऊतक फैलते हैं। इससे नसों पर दबाव बढ़ सकता है। हल्की नियमित एक्सरसाइज जारी रखने से लाभ मिलता है।

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रेयनॉड्स रोग की समस्या

इस बीमारीमें उंगलियों और पैर की उंगलियों की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। ठंडी हवा इस प्रभाव को और बढ़ा देती है। इससे दर्द, सुन्नपन और त्वचा का रंग बदलने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हाथों और पैरों को गर्म रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

सर्दी में स्वस्थ रहने के उपाय

शरीर कोपूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढककर रखें। दिन भर गुनगुना पानी पीते रहना फायदेमंद है। घर के अंदर नमी और ठंड से बचाव के उपाय करें। पौष्टिक और गर्म भोजन का सेवन करें। पुरानी बीमारी की दवाएं नियमित रूप से लें।

नियमित हल्की शारीरिक गतिविधि जारी रखें। यह रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करती है। लक्षणों के बढ़ने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। पारिवारिक स्वास्थ्य इतिहास की नियमित जांच भी उपयोगी हो सकती है।

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