India News: भारत में कई मंदिर संतान प्राप्ति विशेषकर पुत्र रत्न की कामना लेकर आने वाले भक्तों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना से पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूरी होने की दृढ़ मान्यता है। यहां हम देश के पांच ऐसे ही प्रमुख मंदिरों के बारे में जानेंगे जहां हर साल हजारों श्रद्धालु संतान सुख की कामना लेकर पहुंचते हैं।
कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर, कर्नाटक
कर्नाटक के पश्चिमी घाट क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इसे सर्प दोष निवारण और संतान प्राप्ति के लिए विशेष माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। मंदिर का परिवेश प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है।
सिमसा माता मंदिर, हिमाचल प्रदेश
मंडी जिले के लडभड़ोल क्षेत्र में स्थित यह मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना माना जाता है। किवदंती है कि महाशिवरात्रि के दिन टोभा सिंह नामक व्यक्ति को जमीन से माता की पिंडी प्राप्त हुई थी। मान्यता है कि यहां पूजा करने पर देवी सपने में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद देती हैं।
संतानेश्वर महादेव मंदिर, वाराणसी
वाराणसी का यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर का नाम ही संतान से जुड़ा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहां निसंतान दंपत्ति की पूजा-अर्चना से संतान प्राप्ति होती है। विशेष रूप से पुत्र प्राप्ति के लिए यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।
श्री संथाना गोपाल कृष्णस्वामी मंदिर, मैसूर
यह मंदिर भगवान कृष्ण के बाल रूप को समर्पित है। संथाना गोपाल के रूप में पूजे जाने वाले भगवान कृष्ण से संतान प्राप्ति की कामना की जाती है। मान्यता है कि यहां पूजा करने से बच्चे के जन्न से जुड़ी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
विंध्यवासिनी देवी मंदिर, उत्तर प्रदेश
विंध्याचल पर्वत पर स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा के विंध्यवासिनी स्वरूप को समर्पित है। यह स्थान शक्तिपीठों में गिना जाता है। भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि यहां पुत्र प्राप्ति की मन्नत मांगने पर देवी अवश्य ही उनकी इच्छा पूरी करती हैं।
इन मंदिरों में हर साल हजारों श्रद्धालु संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं। इनकी लोकप्रियता देश भर में फैली हुई है। ये सभी मंदिर धार्मिक महत्व के साथ-साथ ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
