Himachal News: मंडी जिले के हटौण इलाके में धरती फटने की घटना ने रहस्य को और गहरा दिया है। आईआईटी कमांद के विशेषज्ञ भी जमीन पर बन रहे विशालकाय गड्ढों का रहस्य नहीं सुलझा पाए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि टनल निर्माण के बाद जमीन धंसने का सिलसिला शुरू हुआ है।
हटौण में तीसरी बार धरती फटी है। नवीनतम गड्ढा 60 फुट गहरा और 40 फुट चौड़ा हो गया है। इस गड्ढे को देखकर चार घरों के लोग गंभीर रूप से परेशान हैं। मंडी प्रशासन के अधिकारियों की भी नींद उड़ी हुई है।
स्थानीय लोगों की चिंता
हरदेव सहित चार घरों के मालिक सीधे तौर पर टनल निर्माण को इसका कारण मान रहे हैं। वे लगातार प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। जिला प्रशासन ने आईआईटी कमांद के विशेषज्ञों की टीम को मौके पर भेजा है। विशेषज्ञों ने तीन से चार बार जांच की है।
बावजूद इसके हटौण में उभरे विशालकाय गड्ढे ने प्रशासनिक कोशिशों को भी गड्ढे में डाल दिया है। लोग जिला उपायुक्त अर्पूव देवगन के पास पहुंचे। इसके बाद एसडीएम को मौके पर जाने के निर्देश दिए गए।
पहाड़ का लगातार धंसना
हटौण में लगातार पहाड़ धंस रहा है और इसकी चपेट में फोरलेन भी आया है। एनएसएआई के प्रोजेक्ट निदेशक वरुण चारी कहते हैं कि पहाड़ दरकने और जमीन फटने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। एनएसएआई ने भी अपने स्तर पर कारणों का पता लगाने की कोशिश की।
तहसीलदार मंडी सदर प्रींस धीमान अगले कुछ दिनों में मंडी जिला के अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। इस गड्ढे को भरने के लिए करीब 400 डंपर मिट्टी डाली गई थी। लेकिन समस्या का स्थायी समाधान अभी तक नहीं मिल पाया है।
प्रशासन की कार्रवाई
एडीएम मंडी मदल धीमान कहते हैं कि तहसीलदार की रिपोर्ट आने के बाद ही धरती फटने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। हटौण और डयोड में जमीन धमाके के साथ फटने के बाद बने विशालकाय गड्ढे का रहस्य तलाशने का जिम्मा तहसीलदार को सौंपा गया है।
स्थानीय निवासी गहरी चिंता में हैं। उन्हें डर है कि कहीं उनके घर भी धंसने वाली जमीन की चपेट में न आ जाएं। प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए कुछ अस्थायी उपाय किए हैं। लेकिन स्थायी समाधान की तलाश जारी है।
