Haryana News: हरियाणा में वीआईपी नंबर HR88B8888 की नीलामी का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इस नंबर के लिए 1.17 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक बोली लगी थी। अब बोली लगाने वाले कारोबारी सुधीर कुमार सामने आए हैं। उन्होंने पैसे जमा न करने को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। राज्य के परिवहन मंत्री अनिल विज ने इस मामले में सख्त जांच के आदेश दिए थे। यह हरियाणा न्यूज आजकल हर किसी की जुबान पर है। सुधीर ने बताया कि आखिर उन्होंने पेमेंट क्यों नहीं की।
ज्योतिष के कहने पर लगाई थी बोली
सुधीर कुमार मूल रूप से भिवानी के रहने वाले हैं। वह वर्तमान में बेंगलुरु में रहते हैं। सुधीर ने बताया कि उनके एस्ट्रोलॉजर ने 8888 को उनके लिए लकी बताया था। इसी वजह से उन्होंने इतनी बड़ी बोली लगाई। नीलामी के दौरान कुल 45 लोग रेस में थे। उनसे ठीक पहले किसी ने 1.16 करोड़ की बोली लगाई थी। उन्होंने यह भी साफ किया कि यह कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं था।
आईटी और शराब के कारोबारी हैं सुधीर
सुधीर के वकील ने उनकी प्रोफाइल के बारे में जानकारी दी है। सुधीर पिछले 13-14 सालों से बेंगलुरु में आईटी कंपनी चला रहे हैं। इसके अलावा वह शराब के कारोबार से भी जुड़े हैं। वकील ने बताया कि सुधीर ने इससे पहले भी वीआईपी नंबर खरीदे हैं। उन्होंने हाल ही में 0777 नंबर के पैसे जमा करवाए थे। काम में व्यस्त होने के कारण उन्हें अलॉटमेंट का पता नहीं चला।
पारिवारिक कारणों से नहीं भरे पैसे
सुधीर ने मीडिया को बताया कि पारिवारिक वजहों से वह समय पर पैसे जमा नहीं कर पाए। हरियाणा न्यूज में चर्चा का विषय बने इस मामले पर उन्होंने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है। अनिल विज द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर उन्होंने कहा कि वह प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे। गौरतलब है कि यह नंबर चरखी-दादरी के बाढ़ड़ा का था। पेमेंट की आखिरी तारीख 1 दिसंबर थी।
