बुधवार, दिसम्बर 24, 2025

Haryana News: हरियाणा में बन गया दूसरा KGF, अरावली का सीना छलनी, 1500 घरों में दरारें

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Haryana News: हरियाणा के भिवानी जिले का तोशाम इलाका अब दर्द से कराह रहा है। यहां अरावली की हरी-भरी पहाड़ियों को बेरहमी से काटा जा रहा है। Haryana News में यह मुद्दा लगातार गर्माया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी खनन माफिया नहीं रुक रहे हैं। खानक गांव का मंजर किसी डरावनी फिल्म जैसा हो गया है। धूल के गुबार और भारी मशीनों के शोर ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।

धूल में दफन हो रहा गांव

यह पूरा इलाका फिल्म KGF के सेट जैसा नजर आता है। मात्र 4 किलोमीटर के दायरे में करीब 300 क्रशर मशीनें दिन-रात चल रही हैं। यहां 150 से अधिक खनन साइट्स सक्रिय हैं। हर वक्त 500 से ज्यादा डंपर मिट्टी और पत्थर ढोते दिखाई देते हैं। इंसान और कुदरत दोनों विकास की इस अंधी दौड़ में पिस रहे हैं। पहाड़ियों का सीना मशीनें लगातार छलनी कर रही हैं।

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500 फीट गहरी खोदी गई जमीन

खनन के नियम यहां केवल कागजों तक सीमित रह गए हैं। सरकारी आदेशों के मुताबिक खनन की एक सीमा तय है। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां अवैध खेल चल रहा है। माफियाओं ने अरावली को 500 फीट गहरा खोद दिया है। साल 2022-23 में हुए हादसों में कई मजदूरों की जान चली गई थी। इसके बावजूद अवैध खनन जारी है। चरखी दादरी और भिवानी के 12 पहाड़ों पर संकट गहरा गया है।

घरों में दरारें, सांस लेना मुश्किल

खानक गांव की स्थिति बहुत डरावनी है। यहां करीब 1500 घरों की दीवारों में गहरी दरारें पड़ चुकी हैं। भारी ब्लास्टिंग से जमीन और दीवारें थरथरा जाती हैं। सरपंच संजय कुमार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई बार शिकायत की है। लेकिन प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है। ब्लास्टिंग के शोर से बच्चों के दिमाग पर असर पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण बुजुर्गों का सांस लेना मुश्किल हो गया है।

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20 साल में बदल गया नक्शा

खानक, डाडम और निगाड़ा जैसे गांवों में 1996 से पहले खनन नहीं होता था। राजनीतिक फैसलों ने इस पूरे क्षेत्र को रेगिस्तान बना दिया है। मात्र 10 हजार की आबादी वाले इस इलाके में 20 पेट्रोल पंप खुल गए हैं। यह डंपरों और मशीनों की भारी तादाद को दिखाता है। अरावली की जो पहाड़ियां कभी कवच थीं, अब वे गायब हो रही हैं। Haryana News के मुताबिक, लोगों का भविष्य भी खतरे में है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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