Haryana News: हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि थार और बुलेट जैसे वाहन चलाने वालों पर पुलिस विशेष नजर रखती है। गुरुग्राम में पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि कुछ गाड़ियों को देखकर पुलिस सतर्क हो जाती है।
उनके मुताबिक थार और बुलेट जैसे वाहन अक्सर उन लोगों की पसंद होते हैं जिन पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने का शक होता है। पुलिस हर गाड़ी की जांच नहीं कर सकती लेकिन कुछ खास वाहन नजरअंदाज नहीं किए जा सकते। वाहन का चुनाव व्यक्ति की मानसिकता को दर्शाता है।
एसीपी के बेटे के मामले का जिक्र
डीजीपी सिंह ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए एक घटना का उदाहरण दिया। एक एसीपी के बेटे ने थार चलाते हुए किसी व्यक्ति को टक्कर मार दी थी। जब वाहन के स्वामित्व की जानकारी मांगी गई तो वह एसीपी के नाम पर रजिस्टर्ड निकला।
उन्होंने कहा कि अगर आपका वाहन अपराध में शामिल है तो जिम्मेदारी आपकी भी बनती है। मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की सूची बनाएं तो कितनों के पास थार होगी। जिसके पास होगी वह थोड़ा पागल ही होगा।
सोशल मीडिया पर मिली मिलीजुली प्रतिक्रिया
डीजीपी की टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। कई लोगों ने उनके बयान का समर्थन किया। एक यूजर ने लिखा कि अधिकारी जो कह रहे हैं वह सच है। लोग दिखावे के चक्कर में सड़कें असुरक्षित बना देते हैं।
वहीं कुछ लोगों ने इस बयान पर सवाल उठाए। एक यूजर ने पूछा कि क्या सड़क हादसों के लिए सिर्फ गाड़ी चलाने वाला जिम्मेदार है। खराब सड़कें और उल्टी दिशा में चलने वाले ट्रक किसके जिम्मे आते हैं।
थार से जुड़े हादसों में हुई है वृद्धि
हरियाणा में थार से जुड़े हादसों के मामले बढ़े हैं। पिछले महीने गुरुग्राम के एनएच-48 पर एक भीषण दुर्घटना हुई थी। एक थार डिवाइडर से टकरा गई थी जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई।
पुलिस को मृतकों के पास पब के रिस्टबैंड मिले थे। इससे संकेत मिलता है कि चालक नशे की स्थिति में हो सकता था। ऐसे मामलों ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता की जरूरत है।
डीजीपी के बयान ने वाहनों और सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। लोगों के बीच इस विषय पर चर्चा जारी है। पुलिस की यह रणनीति सड़क सुरक्षा में कितनी कारगर साबित होगी यह भविष्य में ही स्पष्ट हो पाएगा।
