Haryana News: हरियाणा के नए डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों को एक भावनात्मक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पुलिस बल को प्रेरित करने और जनता का विश्वास हासिल करने का संदेश दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हरियाणा पुलिस कई चुनौतियों का सामना कर रही है।
डीजीपी ने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे ऐसा माहौल बनाएं जहां शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पी सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रजातंत्र का आश्वासन यही है कि शक्तिशाली को अपनी ताकत का घमंड न हो और कमजोर को अपनी कमजोरी का मलाल न रहे। यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई है।
शहीदों को नमन और गौरवशाली अतीत
ओपी सिंह ने अपने पत्र की शुरुआत हरियाणा पुलिस के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए की। उन्होंने लिखा कि देश का एक गौरवशाली अतीत रहा है। आजादी के बाद देश ने गरीबी, बीमारी और अशिक्षा से उबरने में सफलता पाई है। डीजीपी ने जोर देकर कहा कि इस तरक्की के लिए सुरक्षा बलों के हजारों साथियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।
अकेले हरियाणा में अब तक 84 पुलिसकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए हैं। उन्होंने सभी शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन किया। डीजीपी ने पुलिस बल के योगदान को रेखांकित करते हुए देश की प्रगति में उनकी भूमिका को स्वीकार किया। यह पत्र पुलिस बल के मनोबल को ऊंचा उठाने का प्रयास है।
राष्ट्र निर्माण में पुलिस की भूमिका
डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों को उनके कार्य का महत्व समझाया। उन्होंने लिखा कि हिंसा और छलावा प्रकृति के स्वभाव में है। सभ्य जीवन इसके विरुद्ध अपराध तंत्र का सतत संघर्ष है। उन्होंने माना कि कुछ लोग सामाजिक और कानूनी करार को नहीं मानते। पुलिस का काम उन्हें हर स्तर पर रोकना है।
डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने दैनिक कार्यों में राष्ट्र निर्माण की भूमिका देखें। उन्होंने समझाया कि पुलिस के कारगर होने से लोग चैन की सांस लेते हैं। कारोबार को बढ़ावा मिलता है और लोगों को रोजगार मिलता है। समाज व्यवस्थित होता है और देश आत्मनिर्भर बनता है।
कतील शिफाई का शेर और संदेश
डीजीपी ने अपने पत्र में शायर कतील शिफाई के एक शेर का जिक्र किया। उन्होंने लिखा – वो मेरा दोस्त है सारे जहाँ को है मालूम, दगा करे वो किसी से तो शर्म आए मुझे। इस शेर के माध्यम से उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपने आचरण से दूसरों के लिए प्रेरणा बनने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी बहुत सहन किया है। अब उन्हें पुलिस से राहत, संरक्षण और सहयोग की आवश्यकता है। डीजीपी ने अंत में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया कि पुलिसकर्मी इस जिम्मेदारी को निभाएंगे। उन्होंने कहा कि सही और गलत में सही की हमेशा रक्षा करें, चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
पुलिस प्रशासन की वर्तमान चुनौतियां
यह पत्र ऐसे समय में आया है जब हरियाणा पुलिस कई आंतरिक चुनौतियों का सामना कर रही है। हाल ही में एक आईपीएस अधिकारी और एक एएसआई की आत्महत्या के मामलों ने पुलिस प्रशासन में हलचल पैदा कर दी थी। पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद ओपी सिंह ने अतिरिक्त प्रभार संभाला है।
नए डीजीपी का यह पत्र पुलिस बल में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयास का हिस्सा है। पत्र में जनता के विश्वास को फिर से स्थापित करने पर जोर दिया गया है। पुलिसकर्मियों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए जनता की सेवा को प्राथमिकता दें। यह पत्र पुलिस बल के मनोबल को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
