Chandigarh News: हरियाणा सरकार प्रदेश में 11 नए जिले बनाने पर विचार कर रही है। इनमें करनाल का असंध और अंबाला का नारायणगढ़ शामिल है। गुरुग्राम के मानेसर और पटौदी को भी जिला बनाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा 14 नए उपमंडल और 27 उप तहसीलें भी बनाई जा सकती हैं। सरकार ने इसके लिए 31 दिसंबर की समय सीमा तय की है।
मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में पुनर्गठन उप-समिति की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता विकास मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने की। शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी बैठक में मौजूद रहे। समिति ने अब तक 73 प्रस्ताव प्राप्त किए हैं।
नए जिलों के लिए मानदंड
नया जिला बनाने के लिए विशेष मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इसमें कम से कम 125 से 200 गांव होने चाहिए। जनसंख्या चार लाख से अधिक होनी आवश्यक है। क्षेत्रफल 80 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होना चाहिए। उपमंडल और तहसीलों के लिए अलग मानदंड तय किए गए हैं।
प्रस्तावित नए जिले
कैथल जिले के पिहोवा को अलग जिला बनाने का प्रस्ताव है। हिसार के हांसी और बरवाला को भी जिले का दर्जा मिल सकता है। जींद का सफीदों और सोनीपत का गोहाना भी शामिल है। सिरसा का डबवाली भी नए जिलों की सूची में है। यह सभी क्षेत्र वर्तमान में महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र हैं।
समय सीमा का महत्व
केंद्र सरकार ने प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव के लिए 31 दिसंबर की अंतिम तिथि निर्धारित की है। यदि इस तिथि तक परिवर्तन नहीं हुए तो जून 2027 तक प्रक्रिया स्थगित रहेगी। कारण अगले वर्ष एक अप्रैल से जनगणना की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। इसलिए सरकार तेजी से काम कर रही है।
गांवों का पुनर्गठन
पुनर्गठन समिति ने कुछ गांवों के मामले में सिफारिशें भेजी हैं। गांव खुंगा को उचाना उपमंडल से हटाकर जींद में शामिल किया जाएगा। गांव खानपुर रोरण को तहसील पिहोवा में मिलाया जाएगा। यह सिफारिशें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अनुमोदन के लिए भेजी गई हैं।
वर्तमान प्रशासनिक ढांचा
हरियाणा में वर्तमान में छह मंडल और 22 जिले हैं। प्रदेश में 80 उपमंडल और 94 तहसीलें कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त 49 उप तहसीलें और 143 खंड हैं। हरियाणा में 154 कस्बे और 6,841 गांव शामिल हैं। नए जिले बनने से प्रशासनिक ढांचा और विस्तृत हो जाएगा।
भविष्य की योजना
मंत्रियों की उप समिति लगातार बैठकें कर रही है। वह सभी प्रस्तावों की गहन समीक्षा कर रही है। समिति जनता और जनप्रतिनिधियों की मांगों को ध्यान में रख रही है। प्रदेश सरकार प्रशासनिक सुधारों के प्रति गंभीर दिख रही है। आने वाले समय में और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
