Uttar Pradesh News: आजमगढ़ जनपद में किसानों के लिए एक नई संभावना का द्वार खुला है। कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा में हिमाचल प्रदेश की मशहूर हरमन-99 सेब की प्रजाति के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। यह प्रजाति गर्म जलवायु में भी बेहतर उत्पादन देने के लिए जानी जाती है। जनपद के ग्राम दनियालपुर अहरौला के किसान पंकज कुमार श्रीवास्तव ने इसकी सफल खेती कर सभी के लिए एक मिसाल कायम की है।
क्या हैं इस प्रजाति की विशेषताएं
हरमन-99 सेब कीप्रजाति को हिमाचल प्रदेश के प्रगतिशील किसान हरिमन शर्मा ने विकसित किया था। यह एक स्व-परागण वाला पौधा है जिसके लिए दूसरे सेब के पेड़ की आवश्यकता नहीं होती। समुद्र तल से मात्र 1800 फीट की ऊंचाई पर भी यह अच्छा प्रदर्शन करता है। यह पौधा 45 से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान आसानी से सहन कर लेता है, जो इसे गर्म इलाकों के लिए आदर्श बनाता है।
कैसे करें इसकी खेती
इसकीखेाई के लिए मिट्टी सूखने पर ही पानी देना चाहिए। गर्मियों में रोजाना या एक दिन छोड़कर पानी देने की आवश्यकता हो सकती है। वर्षा ऋतु में पानी कम देना होता है। पौधों को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए नीम तेल जैसे जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए। यह प्रजाति जैविक खेती के लिए भी उपयुक्त है और इसके रखरखाव में विशेष झंझट नहीं है।
पैदावार और आर्थिक लाभ
हरमन-99 कापेड़ पौधा लगाने के दो से ढाई साल में फल देना शुरू कर देता है। एक पेड़ से प्रति वर्ष लगभग 75 किलोग्राम तक फल मिलता है। इससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। बिहार के एक किसान के अनुभव के अनुसार लगभग 5,000 रुपये की लागत से 70,000 से 75,000 रुपये तक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
राज्य सरकारों द्वारा समर्थन
बिहार सरकार किसानोंको सेब की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर ढाई लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है। बिहार के सात जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी खेती शुरू की गई है। किसानों को प्रशिक्षण के लिए वैशाली के देसरी स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भेजा जा रहा है।
देश भर में सफलता के उदाहरण
उत्तर प्रदेश केकौशाम्बी जिले के किसान बनवारी लाल ने 40-45 डिग्री तापमान में हरमन-99 की सफल खेती कर सबको चौंका दिया है। बलिया जिले के किसान मुन्ना यादव ने भी इस प्रजाति को उगाकर सफलता प्राप्त की है। ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि अब सेब की खेाई केवल पहाड़ी इलाकों तक सीमित नहीं रही।
पौधे कहां से प्राप्त करें
हरमन शर्माएप्पल नर्सरी, बिलासपुर इस प्रजाति के पौधों का एक अधिकृत स्रोत है। नर्सरी की ओर से किसानों को सलाह दी गई है कि वे केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही पौधे खरीदें क्योंकि बाजार में नकली पौधे भी उपलब्ध हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से भी किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
