Uttarakhand News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अनोखा तंज कसा है। चमोली के मेहलचौरी में आयोजित एक मेले में उन्होंने कहा कि जब तक वह ट्रंप को मंडुवा-झंगोरा का बिस्किट नहीं खिला देंगे, तब तक बुढ़ापा स्वीकार नहीं करेंगे। इस बयान ने मौजूदा लोगों में खूब हंसी का माहौल बना दिया। रावत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अभी भी राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं और 2027 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं।
चार दिवसीय लोक-सांस्कृतिक और कृषि विकास मेले के तीसरे दिन रावत मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। मेला समिति ने उनका पारंपरिक शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। रावत के मंच पर पहुंचते ही पूरे माहौल में उत्साह का संचार हो गया। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए अपनी राजनीतिक सक्रियता पर जोर दिया।
मेले में रावत की सक्रिय उपस्थिति
हरीश रावत ने मेले के दौरान हल्के-फुल्के अंदाज में लोगों का दिल जीत लिया। वह कभी कद्दू और लौकी के साथ फोटो खिंचवाते नजर आए तो कभी स्थानीय स्टॉल पर पहाड़ी व्यंजन बेचते दिखे। उन्होंने वॉलीबॉल का शॉट लगाकर भी सबका ध्यान खींचा। लोगों ने कहा कि रावत जहां भी होते हैं, वातावरण स्वतः ही जीवंत हो उठता है।
रावत ने मेले के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेले किसी भी समाज की आत्मा होते हैं। यह संस्कृति, परंपरा और एकता को जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने मेहलचौरी के मेले को गढ़वाल और कुमाऊं की सांस्कृतिक पहचान को एक मंच पर लाने का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
2027 चुनाव की तैयारियां
हरीश रावत ने स्पष्ट संकेत दिए कि वह अगले विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक रूप से पूरी तरह सक्रिय हैं और 2027 में मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। यह बयान उत्तराखंड की राजनीति में नई चर्चा का विषय बन गया है।
राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही 2027 के चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू कर चुकी हैं। हरीश रावत के इस बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी अगले चुनाव में उन्हें प्रमुख भूमिका दे सकती है। रावत का यह बयान उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।
स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहन
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से मेले की परंपरा को और विस्तार देने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रावत ने मेले में उपस्थित किसानों और स्थानीय कारीगरों के साथ भी समय बिताया।
मेले के दौरान रावत ने पहाड़ी व्यंजनों और स्थानीत उत्पादों की खूब सराहना की। उन्होंने स्थानीय किसानों से उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के विकास संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की और लोगों की समस्याओं को सुना।
