Hamirpur News: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक सरकारी हाई स्कूल में शारीरिक शिक्षक पर खिलाड़ी छात्रों के साथ मारपीट के गंभीर आरोपों ने तहलका मचा दिया है। इस मामले में कुल 11 छात्रों ने अपने अभिभावकों के साथ मिलकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है और छात्रों का मेडिकल परीक्षण करवाया है।
छात्रों ने पुलिस में आरोप लगाया कि शिक्षक ने उनके साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया। उन्होंने बताया कि शिक्षक का व्यवहार पिछले कुछ दिनों से डराने-धमकाने वाला था। इस घटना से छात्रों में डर और तनाव का माहौल बना हुआ है। अभिभावकों ने भी पुलिस से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
मामला तब सामने आया जब जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता की तैयारी चल रही थी। शारीरिक शिक्षक ने सभी खिलाड़ियों को सुबह छह बजे तक स्कूल पहुंचने के साथ-साथ 700 रुपये लाने का आदेश दिया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि समय पर न पहुंचने वाले खिलाड़ियों को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।
शिक्षक का रवैया
अधिकांश खिलाड़ी समय से स्कूल पहुंच गए लेकिन शिक्षक स्वयं देरी से आए। छात्रों के अनुसार शिक्षक ने कुछ अभिभावकों के न होने पर छात्रों को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। उन्होंने बेवजह मारपीट भी की और टीम लेकर न जाने की धमकी दी। इसके बाद वह स्कूल से चले गए।
इस घटना से नाराज छात्र सीधे अपने अभिभावकों के साथ पुलिस थाना हमीरपुर पहुंचे। थाना प्रभारी कुलवंत सिंह ने बताया कि छात्रों ने लिखित शिकायत दी है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है और छात्रों को मेडिकल जांच के लिए भेजा है।
अभिभावकों ने पुलिस को बताया कि शिक्षक का व्यवहार बच्चों के प्रति ठीक नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक बच्चों को डराता-धमकाता था और कहता था कि शिकायत करने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। इस रवैये से बच्चों और अभिभावकों में गहरी नाराजगी है।
स्कूल का रिकॉर्ड
यह स्कूल खो-खो खेल में जिला और राज्य स्तर पर लगातार मेडल जीतता रहा है। यहां के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर हमीरपुर का नाम रोशन कर चुके हैं। ऐसे में खिलाड़ियों के साथ इस तरह का व्यवहार पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गया है।
पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए छात्रों के बयान दर्ज किए हैं। छात्रों के मेडिकल परीक्षण की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने मामले की त्वरित जांच की मांग की है।
शिक्षा विभाग ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार विभाग भी इस मामले की जांच कर रहा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
इस घटना ने स्कूली शिक्षा में छात्रों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की गंभीर समस्या को फिर से उजागर कर दिया है। छात्र सुरक्षा और शिक्षकों के व्यवहार संबंधी दिशा-निर्देशों के कड़ाई से पालन की आवश्यकता पर बल दिया गया है। समाज के हर वर्ग ने इस मामले में त्वरित न्याय की मांग की है।
