Himachal News: हमीरपुर पुलिस ने एसएचओ पर गाड़ी चढ़ाकर जानलेवा हमला करने के प्रयास के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी रशिक कुमार को उसके घर से धर दबोचा गया। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी घटना के बाद से फरार था और शाम को अपने घर लौटा है।
सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी को उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को शुक्रवार दोपहर बाद अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस लगातार आरोपी के घर और अन्य संभावित ठिकानों पर नजर रखे हुए थी।
घटना का विस्तृत विवरण
वीरवार सुबह तड़के एसपी भगत सिंह ठाकुर को सूचना मिली कि ऊना की तरफ से एक ऑल्टो कार में कुछ लोग चिट्टे की खेप लेकर हमीरपुर आ रहे हैं। सदर थाना के एसएचओ कुलवंत सिंह ने दुगनेहड़ी के पास नाका लगाकर गाड़ियों की जांच शुरू कर दी।
सुबह करीब साढ़े सात बजे जब संदिग्ध कार को रोकने का इशारा किया गया तो ड्राइवर ने गाड़ी रोकने की बजाय रफ्तार और तेज कर दी। उसने सीधे एसएचओ कुलवंत सिंह पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। इस हमले में गाड़ी का टायर एसएचओ के पैर पर चढ़ गया।
एसएचओ की वीरतापूर्ण प्रतिक्रिया
अपनी जान बचाने और आरोपी को रोकने के लिए इंस्पेक्टर कुलवंत सिंह ने तत्परता दिखाई। उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गाड़ी के टायरों पर तीन राउंड फायर किए। फायरिंग में कार के दो टायर पंक्चर हो गए और एक गोली पिछले बंपर पर लगी।
ट्यूबलैस टायर होने के कारण ड्राइवर कुछ दूर तक गाड़ी भगाने में सफल रहा। बाद में पुलिस ने कार को लावारिस हालत में बरामद कर लिया। कार की तलाशी में चिट्टे की खेप नहीं मिली क्योंकि आरोपियों ने भागते समय उसे छिपा दिया था।
गिरफ्तारी और जांच की प्रगति
कार में ड्राइवर रशिक कुमार समेत कुल पांच लोग सवार थे। इनमें एक महिला भी शामिल थी। घटना के बाद सभी मौके से फरार हो गए थे। पुलिस ने वीरवार शाम तक एक महिला और एक अन्य व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
एडिशनल एसपी राजेश उपाध्याय ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्य आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहन छानबीन कर रही है और बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
घायल एसएचओ की कर्तव्यनिष्ठा
इस घटना में घायल हुए एसएचओ इंस्पेक्टर कुलवंत सिंह को डॉक्टर ने एक सप्ताह के आराम की सलाह दी थी। लेकिन उन्होंने वीरवार शाम को ही अपनी ड्यूटी फिर से संभाल ली। उनके इस साहस और कर्तव्यनिष्ठा की स्थानीय लोगों से लेकर सोशल मीडिया तक में जमकर प्रशंसा हो रही है।
उनकी इस बहादुरी ने पुलिस विभाग के प्रति लोगों का विश्वास और मजबूत किया है। एसएचओ का यह तत्परता से कार्य करना पुलिस विभाग के समर्पण को दर्शाता है। यह घटना पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
