शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

H3N2 वायरस: दिल्ली समेत देश में बढ़ रहा है खतरा, जानें लक्षण और बचाव

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Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में H3N2 वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार है जो सामान्य फ्लू से अधिक गंभीर माना जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को लक्षणों को नजरअंदाज न करने की चेतावनी दी है। समय पर उपचार न मिलने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।

क्या है H3N2 वायरस

H3N2 एक मौसमी इन्फ्लुएंजा वायरस है। यह मौसम बदलने के दौरान अधिक सक्रिय होता है। इसकी मुख्य चुनौती इसके लगातार रूप बदलने की क्षमता है। यह विशेषता इसे अधिक संक्रामक बनाती है। हर बार यह नए रूप में सामने आकर लोगों को संक्रमित कर रहा है।

मुख्य लक्षणों पर ध्यान दें

संक्रमण के एक से चार दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। तेज बुखार सबसे आम प्रारंभिक लक्षण है। लगातार खांसी, गले में खराश और नाक बहना अन्य सामान्य लक्षण हैं। शरीर में दर्द, सिरदर्द और अत्यधिक थकान भी महसूस होती है। कुछ रोगियों को सांस लेने में तकलीफ का अनुभव हो सकता है।

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बच्चों में विशेष लक्षण

बच्चों में यह वायरस अलग तरह से प्रकट हो सकता है। उल्टी और मतली जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। माता-पिता इन्हें सामान्य पेट की समस्या समझकर अनदेखा कर सकते हैं। ऐसा करने से बच्चों की स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए सतर्कता बेहद जरूरी है।

कैसे फैलता है संक्रमण

वायरस संक्रमित व्यक्ति की खांसी और छींक से फैलता है। दूषित सतहों को छूने के बाद चेहरे को छूना भी खतरनाक हो सकता है। यह वायरस हवा के माध्यम से भी फैल सकता है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।

उच्च जोखिम वाले समूह

छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं अधिक जोखिम में हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इनमें वायरस गंभीर श्वसन समस्याएं पैदा कर सकता है। निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ जाता है।

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बचाव के उपाय अपनाएं

नियमित रूप से हाथ धोना सबसे प्रभावी बचाव है। खांसते या छींकते समय मुंह ढकना आवश्यक है। फ्लू का टीका लगवाने से सुरक्षा मिलती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ वार्षिक टीकाकरण की सलाह देते हैं। संक्रमित व्यक्तियों से उचित दूरी बनाए रखें।

आइसोलेशन है जरूरी

लक्षण दिखने पर तुरंत खुद को अलग कर लेना चाहिए। इससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है। पर्याप्त आराम और तरल पदार्थों का सेवन जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें। गंभीर लक्षणों पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

ठीक होने में आमतौर पर एक सप्ताह का समय लगता है। कुछ मामलों में खांसी लंबे समय तक बनी रह सकती है। सीने में दर्द या सांस लेने में कठिनाई होने पर तुरंत अस्पताल जाएं। स्वास्थ्य अधिकारी नागरिकों से सतर्कता बरतने का आग्रह कर रहे हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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