शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

H1-B वीजा: अमेरिका ने नए आवेदनों के लिए बढ़ाया शुल्क, जानें किसे देने होंगे 1 लाख डॉलर; व्हाइट हाउस ने दी सफाई

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Washington News: अमेरिकी प्रशासन ने H1-B वीजा के लिए आवेदन शुल्क में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की है। नए आवेदनों के लिए यह शुल्क एक लाख अमेरिकी डॉलर निर्धारित किया गया है। इस खबर के बाद अमेरिका में कार्यरत भारतीय पेशेवरों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई। हालांकि, व्हाइट हाउस ने शनिवार को इस संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी कर सभी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि यह नया शुल्क केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा। यह एक वार्षिक शुल्क नहीं बल्कि एक बार का भुगतान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा वीजा धारकों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसका उद्देश्य नई आवेदन प्रक्रिया में बदलाव लाना है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन लोगों के पास पहले से ही H1-B वीजा है और वे वर्तमान में अमेरिका से बाहर हैं, उन्हें पुनः प्रवेश के लिए इस शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। वे सामान्य तरीके से देश में दाखिल हो सकते हैं। उनकी यात्रा की क्षमता पर इस घोषणा का कोई असर नहीं होगा।

यह बदलाव केवल नए वीजा आवेदनों के लिए प्रासंगिक है। मौजूदा वीजा धारकों के नवीनीकरण पर यह लागू नहीं होता। इस तरह, अमेरिका में पहले से कार्यरत भारतीय पेशेवरों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन का लक्ष्य नई भर्तियों पर नियंत्रण रखना प्रतीत होता है।

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इससे पहले, कई अमेरिकी टेक दिग्गज कंपनियों ने अपने भारत यात्रा पर गए कर्मचारियों को शीघ्र वापस लौटने की सलाह दी थी। कहा जा रहा था कि बीस सितंबर से पहले लौटने पर नए शुल्क से बचा जा सकता है। इससे कर्मचारियों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और अमेज़न जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को इस संबंध में अलर्ट भेजे थे। हालांकि, व्हाइट हाउस की स्पष्टीकरण के बाद अब स्थिति सामान्य हो गई है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत में मौजूद कर्मचारियों को जल्दबाजी में वापस आने की जरूरत नहीं है।

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई को बताया कि भारत आने-जाने वाले लोगों को रविवार से पहले वापस आने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें नए शुल्क का भुगतान भी नहीं करना होगा। इससे सभी भ्रमों को दूर करने में मदद मिली है।

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H1-B वीजा अमेरिका में कुशल विदेशी पेशेवरों के लिए एक लोकप्रिय वीजा श्रेणी है। भारतीय आईटी पेशेवर इसके सबसे बड़े लाभार्थियों में से हैं। किसी भी बदलाव का सीधा असर भारतीय कर्मचारियों और कंपनियों पर पड़ता है। इसलिए यह खबर इतनी चर्चा में है।

व्हाइट हाउस ने अपने बयान में तीन मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। पहला, यह शुल्क केवल एक बार लिया जाएगा और यह वार्षिक नहीं है। दूसरा, मौजूदा वीजा धारकों को पुनः प्रवेश में कोई दिक्कत नहीं आएगी। तीसरा, यह बदलाव सिर्फ नए आवेदनों के लिए ही है।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर अमेरिकी वीजा नीतियों की जटिलता को उजागर किया है। भारतीय पेशेवरों के लिए अमेरिका एक प्रमुख कार्य स्थल है। ऐसे में किसी भी नई घोषणा का उन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। स्पष्ट संचार की कमी से अफवाहें फैलती हैं।

व्हाइट हाउस के हस्तक्षेप के बाद अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। कंपनियां और कर्मचारी दोनों ही राहत की सांस ले रहे हैं। भविष्य में ऐसी कोई भी घोषणा स्पष्टता के साथ की जानी चाहिए। इससे अनावश्यक दहशत और भ्रम फैलने से बचाया जा सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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