National News: एएसआई (ASI) के पूर्व अधिकारी केके मुहम्मद ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुसलमानों को मथुरा और ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने की सलाह दी है। उनका कहना है कि ये जगहें हिंदुओं के लिए मक्का और मदीना जैसी ही पवित्र हैं। इसके साथ ही उन्होंने हिंदुओं को भी आगाह किया है कि वे देश में अन्य जगहों पर ऐसे दावे न करें।
मुस्लिम पक्ष दिखाएं बड़ा दिल
केके मुहम्मद ने कहा कि मुस्लिम समाज को ये धार्मिक स्थल खुद सौंप देने चाहिए। राम जन्मभूमि की तरह मथुरा और काशी भी हिंदुओं के लिए बहुत अहम हैं। इन जगहों को लेकर विवाद अब खत्म होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि दावों की लंबी सूची से समस्या सुलझने के बजाय और बढ़ जाएगी। दोनों समुदायों को समझदारी से काम लेना चाहिए।
वामपंथियों की वजह से उलझा अयोध्या विवाद
पूर्व निदेशक ने अयोध्या मामले पर भी खुलकर बात की। उन्होंने इस विवाद को वामपंथी प्रोपेगेंडा का नतीजा बताया। उनके अनुसार, एक कम्युनिस्ट इतिहासकार ने मुस्लिम पक्ष को गलत जानकारी दी थी। उस इतिहासकार ने समुदाय को विश्वास दिलाया था कि खुदाई में मंदिर के सबूत नहीं मिले हैं। जबकि केके मुहम्मद खुद 1976 में प्रो. बीबी लाल के साथ खुदाई टीम का हिस्सा थे।
खुदाई स्थल पर कभी नहीं गए थे वो इतिहासकार
केके मुहम्मद ने दावा किया कि झूठ फैलाने वाले इतिहासकार कभी साइट पर नहीं गए थे। उन्होंने बिना जानकारी के ही गलत बातें फैलाईं। प्रो. बीबी लाल ने ही सबसे पहले इसका सच दुनिया के सामने रखा था। मुहम्मद का मानना है कि उस समय मुस्लिम समाज विवादित जगह पर मंदिर बनाने के लिए तैयार हो सकता था। लेकिन कम्युनिस्टों के हस्तक्षेप ने मामला बिगाड़ दिया।
ताजमहल पर दावा करना पूरी तरह गलत
कुछ हिंदू संगठन आगरा के ताजमहल पर भी अपना दावा करते हैं। केके मुहम्मद ने इन दावों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने बताया कि यह जगह राजा मान सिंह की थी जो बाद में शाहजहां को मिली थी। इसके दस्तावेज आज भी बीकानेर और जयपुर के संग्रहालयों में सुरक्षित हैं। उन्होंने साफ कहा कि ज्ञानवापी और मथुरा के अलावा हिंदुओं को किसी और जगह की मांग नहीं करनी चाहिए।
