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Wednesday, March 29, 2023

गुर ने बर्फ के गोले से प्रहार कर खोला मिंथल माता मंदिर के कपाट, दिया दैवीय शक्ति का प्रमाण

चंबा न्यूज, एजेंसी। मिंधल माता मंदिर के कपाट को बर्फ के गोले से प्रहार करके खोलकर माता के गूर ने दैवीय शक्ति का प्रमाण दिया। वीरवार को मंदिर में जुकारू उत्सव के दसवें दिन विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसमें मंदिर से 200 मीटर दूर से माता के गूर ने हाथ में बर्फ का गोला लेकर मंदिर के कपाट की तरफ प्रस्थान किया।

जैसे ही वह कपाट के पास पहुंचा उसने माता का ध्यान करके तीन प्रहार में बर्फ के गोले से कपाट पर लगे ताले को खोल दिया। इस अद्भुत नजारे को देखकर स्थानीय लोगों ने माता के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। इससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। वीरवार को मिंधल में जुकारू उत्सव के उपलक्ष्य में बड़ा मेला मनाया गया। इस दौरान मिंधल माता के गूर और अन्य स्थानीय लोग पारंपरिक परिधानों में ढोल-नगाड़ों के साथ मंदिर परिसर में नजर आए।

उन्होंने पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार मंदिर में माता का गुणगान किया और बुरी शक्तियों को दूर भगाने की अरदास लगाई। इस दिन पंचायत के सभी लोगों ने अपने घरों में विशेष पूजा-अर्चना की और एक-दूसरे को गले मिलकर जुकारू उत्सव की बधाई दी। इस मेले का महत्व पांगीवासियों के लिए इसलिए भी खास माना जाता है कि यह मेला गर्मियों का आगमान और सर्दियों के जाने का प्रतीक माना जाता है।

इसलिए इस मेले को मनाने के लिए स्थानीय लोग साल भर इंतजार करते हैं। मिंधल माता के हूर लेखराम ने बताया कि जुकारू उत्सव के दसवें दिन मिंधल में बड़ा मेला मनाया जाता है जबकि एक दिन पहले नवालू के उपलक्ष्य में छोटा मेले का आयोजन होता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस परंपरा को पांगी के लोग आज भी संजोकर रखे हुए हैं।

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