Gujarat News: राज्य के सुरेंद्रनगर जिले में एक बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जिला कलेक्टर डॉ. राजेंद्र पटेल के घर और दफ्तर पर छापा मारा है। यह कार्रवाई 1500 करोड़ रुपये के कथित जमीन घोटाले से जुड़ी है। अधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग का भी संदेह है। मंगलवार से शुरू हुआ यह सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। Gujarat News में यह मामला अब सुर्खियों में बना हुआ है।
कलेक्टर की संपत्ति देख उड़े होश
ईडी सूत्रों के मुताबिक, जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 2015 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. राजेंद्र पटेल के पास आय से अधिक संपत्ति मिली है। उनके पास पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति होने की खबर है। जांच एजेंसी को शक है कि यह संपत्ति जमीन सौदों और बेनामी निवेश से बनाई गई है। कथित बोगस एग्रीमेंट के जरिए काला धन सफेद किया गया। ईडी की टीम अब सभी दस्तावेजों को बारीकी से खंगाल रही है।
नायब मामलातदार गिरफ्तार, कई अधिकारी रडार पर
यह कार्रवाई सिर्फ कलेक्टर तक सीमित नहीं है। ईडी ने जिले के कई अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर भी दबिश दी है। इसमें नायब मामलातदार चंद्रसिंह मोरी और कलेक्टर के पीए जयराजसिंह जडेजा शामिल हैं। एक वकील के घर पर भी छापा मारा गया। वकील नितिन गांधी ने बताया कि ईडी ने चंद्रसिंह मोरी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें अहमदाबाद की विशेष अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 1 जनवरी तक रिमांड पर भेज दिया है।
कैसे हुआ सरकारी जमीन का खेल?
शिकायतों में पाटड़ी और सायला क्षेत्र में बड़ी गड़बड़ी की बात कही गई है। आरोप है कि सरकारी जमीनों के अधिग्रहण और एनए परमिशन के नाम पर खेल हुआ। करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव हड़पा गया और आगे बेचा गया। इन सौदों में कैश ट्रांजेक्शन और ज्वैलरी निवेश के सबूत मिले हैं। इसी आधार पर ईडी ने Gujarat News में चर्चा का विषय बने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। अलग-अलग जोन से आई स्पेशल टीमें जांच में जुटी हैं।
पीए जयराज सिंह भी जांच के घेरे में
कलेक्टर के पीए जयराज सिंह झाला भी मुश्किल में हैं। उनके लखतर स्थित घर पर भी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। थान के विद इलाके में 3600 बीघा जमीन का मामला कोर्ट में है। शक है कि इस कीमती जमीन के सर्वे नंबर में गलत तरीके से नाम जोड़े गए हैं। ईडी ने इस मामले की भी जांच की है। माना जा रहा है कि जांच पूरी होने पर कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। एजेंसी अब डिजिटल डेटा की फॉरेंसिक जांच कर रही है।
