Shimla News: केंद्र सरकार के नए जीएसटी स्लैब परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को भारी वित्तीय नुकसान होगा। राज्य के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि इससे प्रदेश को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चार स्लैब घटाकर दो करने के फैसले से उपभोक्ताओं को फायदा होगा, लेकिन राज्यों की आय प्रभावित होगी।
आपदा से पहले से जूझ रहा है प्रदेश
मंत्री ने कहा कि हिमाचल पहले से प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है। वर्ष 2023 की भीषण आपदा से राज्य को लगभग दस हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस साल भी अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की क्षति हुई है। ऐसे में जीएसटी से होने वाला घाटा सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ डालेगा।
केंद्र से मांगी गई है भरपाई
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री से बात की है। केंद्र से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई की मांग की गई है। इसका उद्देश्य विकास कार्यों को प्रभावित होने से बचाना है। गैर-भाजपा शासित राज्य इस मांग को लेकर एकजुट हैं।
वन विभाग पर उठे सवाल
इसी बीच आपदा के दौरान जंगलों से बहकर आई लकड़ी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर मंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने माना कि वन विभाग का जंगलों पर पर्याप्त नियंत्रण नहीं है। अधिकारी जंगलों में कम ही जाते हैं। कटी हुई लकड़ी का बहकर आना गंभीर मामला है।
अवैध कटान पर जरूरी है कार्रवाई
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जंगलों में अवैध कटान हो रही है। वन विभाग को इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। नदी में प्राकृतिक रूप से पेड़ बहकर आना अलग बात है, लेकन कटी सामग्री का आना चिंताजनक है। इस मामले में उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।
