शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

जीएसटी सुधार: अर्थव्यवस्था को मिलेंगे दो लाख करोड़ रुपये, लोगों के हाथ में आएगी अधिक नकदी

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New Delhi News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि आएगी। इससे लोगों के हाथ में अधिक नकदी होगी जो पहले करों के रूप में चली जाती थी।

वित्त मंत्री ने एक आउटरीच कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था में 12 प्रतिशत कर स्लैब के तहत आने वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं पर अब केवल 5 प्रतिशत कर लगेगा। इसी तरह 28 प्रतिशत स्लैब की 90 प्रतिशत वस्तुएं अब 18 प्रतिशत स्लैब में शामिल हो गई हैं।

सीतारमण ने कहा कि कई प्रमुख एफएमसीजी कंपनियां पहले ही दरों में कटौती करने को तैयार हैं। ये कंपनियां 22 सितंबर से पहले ही उपभोक्ताओं को इसका लाभ पहुंचाना शुरू कर देंगी। नई जीएसटी व्यवस्था 22 सितंबर से पूरी तरह लागू हो जाएगी।

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वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने इन सुधारों को लागू करने से पहले पांच मुख्य बातों पर ध्यान दिया। इनमें गरीब और मध्यम वर्ग के लिए दरों में कमी, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करना और किसानों को लाभ पहुंचाना शामिल है। साथ ही एमएसएमई को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन पर ध्यान देना भी प्राथमिकताओं में शामिल था।

जीएसटी राजस्व में हुई है उल्लेखनीय वृद्धि। वित्त वर्ष 2017-18 में यह राजस्व 7.19 लाख करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गया है। करदाताओं की संख्या में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है। पहले यह संख्या 65 लाख थी जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है।

सीतारमण ने जीएसटी परिषद को सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह आजादी के बाद गठित एकमात्र संवैधानिक निकाय है। वित्त मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए पुरानी कर व्यवस्था को ‘कर आतंकवाद’ की संज्ञा दी।

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उन्होंने कहा कि पिछली सरकार दस साल तक रहने के बावजूद जीएसटी लागू नहीं कर सकी। राज्यों को इसके बारे में समझाने में वह सफल नहीं रही। सीतारमण ने कहा कि वह इस मौके पर राजनीतिक जवाब दे सकती थीं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

नई जीएसटी व्यवस्था में कर स्लैब की संख्या चार से घटाकर दो कर दी गई है। अब केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो ही स्लैब रह गए हैं। इससे कर व्यवस्था और सरल बनेगी और अनुपालन बोझ कम होगा। यह सुधार व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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