New Delhi: जीएसटी काउंसिल द्वारा घोषित नई कर दरें 22 सितंबर 2025 से लागू हो गई हैं। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने सोमवार को बताया कि नई दरें लागू होने के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन को तीन हज़ार शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ये शिकायतें जीएसटी से संबंधित हैं।
खरे ने कहा कि इन शिकायतों को आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड को भेजा जा रहा है। उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय उन मामलों पर कड़ी निगरानी रख रहा है जहां करों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा है।
सरकार ने बढ़ाई निगरानी
खुदरा विक्रेताओं द्वारा जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक न पहुंचाने की चिंताओं के बीच सरकार ने अपनी निगरानी प्रणाली को मजबूत किया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने भ्रामक प्रथाओं को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उपभोक्ताओं को पूरा लाभ मिले।
सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैटबॉट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। इस तकनीक की मदद से विभिन्न क्षेत्रों में शिकायतों की स्पष्ट जानकारी हासिल की जा रही है। इससे शिकायतों के समाधान में तेजी आई है।
जीएसटी क्या है
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे पूरे भारत में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसे देश के संविधान में 122वें संशोधन विधेयक के जरिए लाया गया। दुनिया के 150 से अधिक देशों में इसी तरह का कर सिस्टम लागू है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई थी। इस बैठक में बड़े कर सुधारों की घोषणा की गई थी। इन सुधारों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और अर्थव्यवस्था को गति देना है।
उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में कदम
सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायतों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित किया जा रहा है। नई तकनीक का उपयोग करके शिकायत प्रबंधन प्रणाली को और अधिक कारगर बनाया गया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और वित्त मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। इस सहयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर सुधारों का पूरा लाभ आम उपभोक्ताओं तक पहुंचे। दोनों मंत्रालयों की टीमें लगातार समन्वय बनाए हुए हैं।
