Delhi News: जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में कई रोजमर्रा की वस्तुओं को जीरो जीएसटी स्लैब में शामिल करने पर विचार हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जीएसटी सुधार की घोषणा की थी। बैठक में खाद्य और शिक्षा से जुड़े सामानों पर टैक्स छूट की संभावना है। यह कदम आम लोगों और छात्रों को राहत दे सकता है।
जीरो जीएसटी स्लैब में शामिल होंगे खाद्य उत्पाद
जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई खाद्य उत्पादों को जीरो जीएसटी स्लैब में लाने की तैयारी है। इसमें यूएचटी दूध, प्री-पैकेज्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड और रोटी शामिल हो सकते हैं। रेडी-टू-ईट रोटी और पराठे पर भी जीरो टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। वर्तमान में इन पर 5% से 18% तक जीएसटी लागू है। यह बदलाव आम परिवारों के लिए फायदेमंद होगा।
शिक्षा से जुड़े सामानों पर टैक्स में छूट
शिक्षा से संबंधित कई वस्तुओं को भी जीएसटी से मुक्त करने की योजना है। मानचित्र, वॉटर सर्वे चार्ट, एटलस, दीवार मानचित्र, ग्लोब, शैक्षिक चार्ट, पेंसिल-शार्पनर, प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैबोरेटरी नोटबुक पर टैक्स हटाया जा सकता है। अभी इन पर 12% जीएसटी लगता है। यह कदम छात्रों के लिए शैक्षिक सामग्री को सस्ता करेगा।
हैंडलूम और रेशम उत्पादों पर छूट जारी रहेगी
मंत्रियों के समूह ने सुझाव दिया है कि हैंडलूम और कच्चे रेशम उत्पादों पर जीएसटी छूट बरकरार रहे। पहले इन पर 5% टैक्स लगाने पर विचार हुआ था। यह निर्णय छोटे बुनकरों और कारीगरों के लिए राहत भरा होगा। जीएसटी सुधार के तहत टैक्स दरों को युक्तिसंगत बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
अन्य खाद्य उत्पादों पर टैक्स में कमी
फिटमेंट समिति ने मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मशरूम, खजूर, मेवे और नमकीन जैसे उत्पादों पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव दिया है। यह बदलाव इन वस्तुओं को सस्ता करेगा। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। यह बैठक 3-4 सितंबर को दिल्ली में हो सकती है।
जीएसटी स्लैब को युक्तिसंगत बनाने की कोशिश
जीएसटी काउंसिल टैक्स स्लैब को कम करने और श्रेणियों से जुड़े विवादों को हल करने पर काम कर रही है। जीरो जीएसटी स्लैब का दायरा बढ़ाने से आम लोगों और छात्रों को लाभ होगा। अधिकारी इसे अप्रत्यक्ष कर ढांचे को सरल और युक्तिसंगत बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानते हैं। बैठक के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हैं।
