शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

GST Rate Changes: विपक्षी राज्यों ने केंद्र के प्रस्ताव पर उठाए सवाल, 2 लाख करोड़ के नुकसान की जताई आशंका

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National News: केंद्र सरकार के जीएसटी दरों में बदलाव के प्रस्ताव को लेकर विपक्ष शासित राज्यों ने गंभीर चिंता जताई है। आठ राज्यों का कहना है कि इससे उन्हें भारी राजस्व नुकसान होगा। उन्होंने केंद्र से इस घाटे की पूरी भरपाई की मांग की है।

राज्यों को राजस्व नुकसान की आशंका

हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि नए प्रस्ताव से जीएसटी राजस्व में 15-20% तक की कमी आ सकती है। इससे राज्यों के विकास कार्यों और जनता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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कर्नाटक के वित्त मंत्री की चेतावनी

कर्नाटक के वित्त मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने स्पष्ट किया कि जीएसटी में गिरावट राज्यों की वित्तीय स्थिति को अस्थिर कर देगी। उन्होंने केंद्र से अगले पांच साल तक मुआवजा देने की मांग की। इससे राज्यों की आय स्थिर बनी रहेगी।

जीएसटी ढांचे में प्रस्तावित बदलाव

केंद्र ने जीएसटी ढांचे को सरल बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसमें दो स्लैब होंगे – 5% और 18%। विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर 40% कर लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार इससे शुद्ध कर दर घटकर 10% रह जाएगी।

विपक्षी राज्यों की अतिरिक्त मांगें

विपक्ष शासित राज्यों ने 40% कर से मिलने वाली आय राज्यों में बांटने की मांग की। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मुनाफाखोरी रोकने की व्यवस्था बनाने पर जोर दिया। हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी ने भी भरपाई की मांग को दोहराया।

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आधार वर्ष को लेकर विवाद

राज्यों ने राजस्व संरक्षण की गणना के लिए आधार वर्ष 2024-25 तय करने की मांग की। उनका कहना है कि इससे नुकसान की सही भरपाई हो सकेगी। उन्होंने राज्यों की स्वायत्तता और विकास पर पड़ने वाले प्रभाव की ओर भी ध्यान दिलाया।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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