New Delhi News: वित्त मंत्रालय ने 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाली नई जीएसटी दरों की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं पर कर दरें कम की गई हैं जबकि विलासिता की वस्तुओं पर दरें बढ़ाई गई हैं। नई व्यवस्था से आम उपभोक्ताओं को significant relief मिलने की उम्मीद है।
नई अधिसूचना में पहले की अधिसूचना संख्या 01/2017 को निरस्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर सात नई अनुसूचियां जारी की गई हैं। इन अनुसूचियों के आधार पर विभिन्न वस्तुओं को अलग-अलग कर दरों में वर्गीकृत किया गया है।
दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे दूध, दही और कुछ दुग्ध उत्पादों पर अब केवल 2.5 प्रतिशत कर लगेगा। औद्योगिक उपयोग की वस्तुओं और रसायनों पर 9 प्रतिशत की दर तय की गई है। विलासिता की वस्तुओं पर 20 प्रतिशत कर लगाया जाएगा।
कुछ विशेष वस्तुओं के लिए 1.5 प्रतिशत, 0.75 प्रतिशत और 0.125 प्रतिशत की विशेष दरें निर्धारित की गई हैं। अनुसूची सात के अंतर्गत कुछ खास उत्पादों पर 14 प्रतिशत जीएसटी दर लागू होगी। पेट्रोलियम उत्पादों को भी नई दरों में स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है।
कोयला, पेट्रोलियम कोक और बिटुमेन जैसी वस्तुओं पर संशोधित कर दरें लागू होंगी। दवाइयों की श्रेणी में इंसुलिन, हिपेटाइटिस टेस्ट किट और कई जीवनरक्षक औषधियों को विशेष दरों में रखा गया है। किसानों से जुड़ी वस्तुओं जैसे उर्वरक और रसायनों को अलग श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
नई सूची में खेल और पारंपरिक वस्तुओं को भी शामिल किया गया है। चेस बोर्ड, करम बोर्ड, हवन सामग्री और धार्मिक उपयोग की वस्तुओं पर नई दरें लागू होंगी। सरकार का दावा है कि इन बदलावों से आम जनता को राहत मिलेगी।
विलासिता और औद्योगिक वस्तुओं पर ऊंची दरें राजस्व बढ़ाने में मदद करेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि नई दरों से दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती होंगी। हालांकि पेट्रोलियम उत्पादों और औद्योगिक कच्चे माल पर टैक्स बढ़ने से महंगाई का असर हो सकता है।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह सुधार कर संग्रह बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है। साथ ही यह सामाजिक संतुलन बनाए रखने का भी प्रयास है। नई दरें 22 सितंबर से देशभर में लागू हो गई हैं।
