Himachal News: ऊना में केंद्रीय GST विभाग के भीतर चल रहे भ्रष्टाचार के खेल में बड़ा खुलासा हुआ है। विजिलेंस ने इंस्पेक्टर अंशुल धीमान के बाद अब अधीक्षक नागेश शर्मा को भी लपेटे में ले लिया है। एक ऑडियो रिकॉर्डिंग ने दोनों अधिकारियों की पोल खोल दी है। जांच में सामने आया है कि GST रिटर्न फाइल करने के बदले ली गई रिश्वत में अधीक्षक की भी हिस्सेदारी थी। विजिलेंस टीम ने अधीक्षक पर शिकंजा कस दिया है।
ऑडियो क्लिप से खुला राज
विजिलेंस को इंस्पेक्टर और अधीक्षक के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग मिली है। फोरेंसिक जांच में इस आवाज की पुष्टि हो गई है। इंस्पेक्टर ने पूछताछ में कबूल किया कि GST के लेनदेन में अधीक्षक नागेश शर्मा भी शामिल थे। आरोप है कि अधीक्षक ने इस काम के लिए करीब 1.71 लाख रुपये लिए थे। सूत्रों के मुताबिक, GST विभाग में अभी और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
चंडीगढ़ में करोड़ों की संपत्ति का पता चला
विजिलेंस ने अधीक्षक नागेश शर्मा के ठिकानों पर दबिश दी है। जांच में चंडीगढ़ में उनके तीन मंजिला मकान का पता चला है। कागजों में इसकी कीमत 40 लाख दिखाई गई थी। लेकिन वर्तमान में इसकी कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी जा रही है। नागेश पहले भी ऊना में तैनात रह चुके हैं। प्रमोशन के बाद वह वापस इसी GST ऑफिस में आए थे।
अदालत ने भेजा न्यायिक हिरासत में
विजिलेंस ने आरोपी अधीक्षक को अदालत में पेश किया। पुलिस ने पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी थी। हालांकि, अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। GST घोटाले की जांच अब तेज हो गई है। पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।
एसपी बोलीं- जल्द होंगे और खुलासे
विजिलेंस की एसपी अदिति सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर से पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है। इसी आधार पर अधीक्षक पर कार्रवाई हुई है। जांच में पता चला कि GST रिटर्न भरने के लिए सप्लायर से सवा लाख रुपये मांगे गए थे। घर से बरामद कैश इसी रिश्वत का हिस्सा था। डीएसपी फिरोज खान की टीम मामले की गहराई से जांच कर रही है।
