Shimla News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने केंद्र सरकार पर जीएसटी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में मोदी सरकार ने जीएसटी के नाम पर जजिया लगाया था। चौहान ने दावा किया कि राज्य को जीएसटी लागू होने के बाद नुकसान हुआ है और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जीएसटी मुआवजा बंद हो गया है। उन्होंने केंद्र से महंगाई पर जवाब मांगा।
चौहान ने बुधवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताती रही है। उनके अनुसार, भाजपा के प्रवक्ता जब हिमाचल आते हैं तो केंद्र के वसूले टैक्स के हिस्से की बात करते हैं, जिसमें कोई एहसान नहीं है।
मीडिया सलाहकार ने जीएसटी लागू होने के समय की स्थिति को याद किया। उन्होंने पूछा कि जब 5, 12 और 18 प्रतिशत की दरों के साथ यह टैक्स लगाया गया, तब किसकी सरकार थी। चौहान ने कहा कि जीएसटी के तहत केंद्र ने 55 हजार करोड़ रुपये का टैक्स वसूला है और विपक्ष को यह जवाब देना चाहिए कि इस राशि का उपयोग कहां किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 में हिमाचल प्रदेश को टैक्स में मिलने वाले 11690 करोड़ रुपये के हिस्से का जिक्र करते हुए चौहान ने मांग रखी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता और सांसदों को राज्य के लिए केंद्र से विशेष पैकेज की मांग करनी चाहिए। उन्होंने भाजपा से जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया।
चौहान ने टैक्स कम होने के बावजूद उपभोक्ताओं को फायदा न मिलने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अभी भी कई वस्तुओं की कीमतों में expected फर्क नहीं आया है। उनका आरोप था कि बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर यह सारा तामझाम किया जा रहा है। चौहान ने भाजपा पर ट्रोल आर्मी बनाने का भी आरोप लगाया।
