India News: सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपभोक्ताओं को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। करीब 400 उत्पादों पर जीएसटी कम किए जाने के बाद भी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर कीमतों में उल्लेखनीय कमी नजर नहीं आ रही है। सरकार ने इस मामले पर कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय ने 54 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की निगरानी का आदेश जारी किया है।
सरकार की कड़ी निगरानी
वित्त मंत्रालय ने मक्खन, शैंपू, टूथपेस्ट समेत 54 जरूरी उत्पादों की कीमतों पर नजर रखने का आदेश दिया है। इन वस्तुओं की कीमतों की मासिक रिपोर्ट सरकार को देना अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जीएसटी कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। सरकार चाहती है कि कंपनियां टैक्स में हुई कमी का फायदा ग्राहकों को दें।
जीएसटी दरों में बदलाव
बाईस सितंबर से लागू हुए जीएसटी दरों के नए ढांचे में चार अलग-अलग दरों को घटाकर दो कर दिया गया है। अब केवल पांच प्रतिशत और अठारह प्रतिशत की दरें लागू हैं। इस बदलाव से निन्यानबे प्रतिशत रोजमर्रा के उत्पाद सस्ते होने चाहिए थे। लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर इसका पूरा असर नजर नहीं आ रहा है।
ई-कॉमर्स कंपनियों पर नजर
सरकार यह जांच कर रही है कि क्या ई-कॉमर्स कंपनियां जीएसटी कटौती के लाभ को छिपा रही हैं। कई कंपनियों ने दावा किया है कि उन्होंने कीमतें कम कर दी हैं। लेकिन ग्राहकों को अभी तक पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। मुनाफाखोरी रोकने के लिए बनाए गए सिस्टम को अभी पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है।
उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
सरकार की कड़ी निगरानी से उम्मीद है कि जल्द ही उपभोक्ताओं को जीएसटी कटौती का पूरा लाभ मिलने लगेगा। इससे महंगाई में कुछ राहत मिलने की संभावना है। हालांकि अभी तक कई ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर कीमतों में पर्याप्त कमी नहीं देखी गई है। सरकार का प्रयास है कि सभी कंपनियां नियमों का पालन करें।
महंगाई पर सकारात्मक प्रभाव
जीएसटी दरों में कमी का उद्देश्य आम जनता की बचत को बढ़ाना था। लगभग चार सौ आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। इनमें रोजमर्रा के उपयोग की अनेक वस्तुएं शामिल हैं। सही क्रियान्वयन से यह कदम महंगाई नियंत्रण में सहायक सिद्ध हो सकता है। उपभोक्ताओं के लिए यह एक राहत भरा कदम साबित हो सकता है।
