New Delhi: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में कर दरों के समेकन और जीवन व स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर कटौती पर गहन चर्चा हो रही है। परिषद ने व्यवसायों के लिए अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाने वाले कई उपायों को भी मंजूरी दी है।
बीमा क्षेत्र के लिए प्रस्तावित राहत
बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर कटौती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य बीमा पॉलिसियों की लागत कम करना है। इससे आम लोगों के लिए बीमा लेना अधिक सस्ता और सुलभ हो सकेगा। सितंबर के तीसरे सप्ताह तक अधिसूचनाएं जारी होने की उम्मीद है।
छोटे व्यवसायों के लिए सुविधाएं
परिषद ने एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए अनुपालन प्रक्रिया आसान बनाने के उपायों को मंजूरी दी है। इसमें त्वरित पंजीकरण सुविधा और सरलीकृत रिटर्न दाखिल प्रक्रिया शामिल है। टैक्स रिटर्न फाइलिंग और इनवॉइसिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा। इससे छोटे व्यवसायों को काफी राहत मिलेगी।
टैक्स स्लैब सरलीकरण की योजना
वर्तमान चार स्लैब व्यवस्था को सरल बनाने पर विचार चल रहा है। प्रस्तावित सुधारों में बारह और अट्ठाईस प्रतिशत के स्लैब को हटाना शामिल है। इसके बाद केवल पांच और अठारह प्रतिशत की दो कर दरें रह सकती हैं। कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर चालीस प्रतिशत की विशेष दर लागू हो सकती है।
स्वचालित रिटर्न दाखिल व्यवस्था
जीएसटी परिषद ने स्वचालित रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इससे व्यवसायों को टैक्स अनुपालन में आसानी होगी। नई व्यवस्था टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगी। इससे छोटे और बड़े दोनों प्रकार के व्यवसायों को लाभ मिलेगा।
उपभोक्ताओं को होने वाले लाभ
टैक्स स्लैब के सरलीकरण से कई उत्पादों और सेवाओं की कीमतों में कमी आएगी। इससे उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ कम होगा। बीमा प्रीमियम पर टैक्स कटौती से लोगों के लिए बीमा सुरक्षा लेना आसान हो जाएगा। यह सुधार अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी साबित होंगे।
