Delhi News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिमाचल प्रदेश की हालिया प्राकृतिक आपदा एक प्रमुख मुद्दा होगी। यह बैठक तीन और चार सितंबर को नई दिल्ली में होगी। हिमाचल सरकार राज्य में आई तबाही की भरपाई के लिए जीएसटी के साथ एक अतिरिक्त सेस लगाने की मांग कर सकती है।
स्लैब में बदलाव और हिमाचल की चिंता
इस बैठक का महत्व इसलिए भी है क्योंकि केंद्र सरकार जीएसटी स्लैब में बदलाव करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने की घोषणा की है। हिमाचल का मानना है कि इससे राज्य के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आपदा सेस की संभावना
केरल में पहले भी आपदा प्रबंधन के लिए इस तरह का सेस लगाया जा चुका है। हिमाचल प्रदेश भी इसी तर्क पर अतिरिक्त संसाधन जुटाने की मांग करेगा। राज्य के प्रतिनिधि बैठक में आपदा के आंकड़े पेश करेंगे और सेस लगाने का प्रस्ताव रखेंगे।
राजस्व संग्रहण का लक्ष्य
हिमाचल सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए जीएसटी संग्रहण का लक्ष्य 11,000 करोड़ रुपये से अधिक रखा है। यह पिछले वर्ष के संग्रहण में लगभग 10% की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। अप्रैल से जून तक के प्रारंभिक आंकड़े इस लक्ष्य के प्रति सकारात्मक संकेत दे रहे हैं।
