शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

त्योहारी सीजन में जीएसटी संग्रह में आया बड़ा उछाल, अक्टूबर में 1.96 लाख करोड़ रुपये का मिला राजस्व

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Business News: जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद अक्टूबर महीने में सकल जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर्ज की गई है। त्योहारी खरीदारी के कारण संग्रह 4.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपये हो गया। रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सहित 375 वस्तुओं पर नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से प्रभावी हुई थीं।

यह नवरात्रि का पहला दिन था और यह समय नए सामान खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। अक्टूबर के जीएसटी संग्रह के आंकड़े त्योहारी सत्र की बिक्री और दबी हुई मांग के प्रभाव को दर्शाते हैं। उपभोक्ताओं ने जीएसटी दरों में कटौती का इंतजार करते हुए अपनी खरीदारी स्थगित कर दी थी।

सितंबर की तुलना में बेहतर प्रदर्शन

सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में सकल जीएसटी संग्रह लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा। यह अक्टूबर 2024 के 1.87 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से 4.6 प्रतिशत अधिक है। इस साल अगस्त और सितंबर में कर संग्रह क्रमशः 1.86 लाख करोड़ रुपये और 1.89 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा कम रहा था।

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हालांकि अक्टूबर में जीएसटी संग्रह में सालाना वृद्धि पिछले महीनों में देखी गई औसत वृद्धि से कम रही। पिछले महीनों में करीब नौ प्रतिशत की औसत वृद्धि दर्ज की गई थी। त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता खर्च में वृद्धि ने संग्रह को बढ़ावा दिया।

विभिन्न श्रेणियों में वृद्धि

सकल घरेलू राजस्व, जो स्थानीय बिक्री का संकेतक है, अक्टूबर में दो प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपये हो गया। दूसरी ओर आयात कर लगभग 13 प्रतिशत बढ़कर 50,884 करोड़ रुपये रहा। जीएसटी रिफंड भी सालाना आधार पर 39.6 प्रतिशत बढ़कर 26,934 करोड़ रुपये हो गया।

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अक्टूबर 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की तुलना में 0.2 प्रतिशत अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में दिवाली से पहले जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा की थी।

उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव

वाहनों की खरीदारी करने वाले ग्राहकों ने भी अपनी योजनाएं बदल दी थीं। उन्होंने जीएसटी दरों में कटौती का इंतजार करना उचित समझा। नई दरों के लागू होने के बाद त्योहारी सीजन में खरीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। इससे जीएसटी संग्रह को लाभ हुआ।

रसोई के सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से बिक्री बढ़ी। उपभोक्ताओं ने कम जीएसटी दरों का लाभ उठाते हुए खरीदारी की। यह आर्थिक गतिविधियों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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