दिल्लीः आर्थिक सुधार और कर चोरी को रोकने के लिए किए गए उपायों के कारण जुलाई में जीएसटी संग्रह 28 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जुलाई 2021 में 1,16,393 करोड़ रुपये था। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा राजस्व है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से इस साल जुलाई में मासिक कर संग्रह दूसरे स्थान रहा। इससे पहले अप्रैल 2022 में संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। जून 2022 में कुल जीएसटी संग्रह 1.44 लाख करोड़ रुपये था। लगातार पांच महीनों से, मासिक जीएसटी राजस्व 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जो हर महीने लगातार वृद्धि दर्शाता है।
समीक्षाधीन अवधि में वस्तुओं के आयात से राजस्व में 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक था। इकोनॉमिक रिकवरी का जीएसटी राजस्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जून 2022 के महीने में 7.45 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट हुए, जो मई 2022 के 7.36 करोड़ से अधिक है।