शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

GST Collection: सितंबर में जीएसटी राजस्व ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, 1.89 लाख करोड़ रुपये हुई कमाई

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India News: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को सितंबर महीने के जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी किए। इस दौरान कुल जीएसटी संग्रह 1.89 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल के इसी महीने की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन है। यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी आमदनी 1.85 लाख करोड़ रुपये के स्तर से ऊपर बनी हुई है।

अगस्त महीने में जीएसटी संग्रह 1.86 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। सितंबर के आंकड़े सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाते हैं। यह वृद्धि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेत देती है। त्योहारी सीजन में खपत बढ़ने से राजस्व में इजाफा हुआ है।

छह माह में 12.1 लाख करोड़ रुपये का संग्रह

वित्त वर्ष 2025 के पहले छह महीनों में जीएसटी संग्रह ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में कुल संग्रह 12.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9.8 प्रतिशत अधिक है। यह राशि पिछले वित्त वर्ष के पूरे साल के संग्रह का लगभग आधा हिस्सा है।

नेट जीएसटी राजस्व भी इस दौरान 10.4 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें भी 8.8 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। यह वृद्धि सरकार के खजाने के लिए बहुत सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। आर्थिक गतिविधियों के तेज होने से राजस्व में लगातार इजाफा हो रहा है।

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आईजीएसटी संग्रह ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

एकीकृत जीएसटी यानी आईजीएसटी का संग्रह भी सितंबर में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह पहली बार है जब आईजीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के पार चला गया। सितंबर में आईजीएसटी की कमाई 1,01,883 करोड़ रुपये दर्ज की गई। यह जनवरी महीने के रिकॉर्ड से भी अधिक है।

आईजीएसटी संग्रह में यह उछाल देश के अंतर्राज्यीय व्यापार में तेजी को दर्शाता है। वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान में वृद्धि हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि आर्थिक गतिविधियां पूरी गति से चल रही हैं। उद्योग और व्यापार जगत में नई जान आई है।

त्योहारी सीजन ने दी रफ्तार

अगस्त और सितंबर के त्योहारी सीजन ने जीएसटी संग्रह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान कुल संग्रह 3.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह पिछले साल की समान अवधि से 7.8 प्रतिशत अधिक है। त्योहारों के मौसम में उपभोक्ता खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।

बाजारों में खरीदारी का दौर जोरों पर रहा। इससे टैक्स कलेक्शन को बढ़ावा मिला। देशभर में खुदरा व्यापार में तेजी आई। लोगों ने वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य टिकाऊ वस्तुओं की खरीदारी की। इसका सीधा असर जीएसटी राजस्व पर देखने को मिला।

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जीएसटी स्लैब में हुए बड़े बदलाव

सितंबर महीने की शुरुआत में जीएसटी परिषद ने कर ढांचे में बड़े बदलाव किए। चार अलग-अलग टैक्स स्लैब को घटाकर दो मुख्य स्लैब कर दिया गया है। अब ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं पर केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें लागू होंगी। यह बदलाव 22 सितंबर से प्रभावी हो गया है।

सिन और लग्जरी वस्तुओं पर 40 प्रतिशत का उच्चतम टैक्स स्लैब बरकरार रखा गया है। इस सुधार का मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना है। कारोबारियों के लिए टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान हुई है। आम उपभोक्ताओं को भी इससे राहत मिलने की उम्मीद है।

सेस संग्रह में आई गिरावट

हालांकि जीएसटी के साथ लगने वाले सेस के संग्रह में गिरावट देखी गई है। अप्रैल से सितंबर के बीच सेस संग्रह लगातार घटता गया। अप्रैल में यह 13,451 करोड़ रुपये था जो सितंबर में घटकर 11,652 करोड़ रुपये रह गया। यह गिरावट छह महीने के दौरान जारी रही।

लेकिन सेस संग्रह में आई इस गिरावट का कुल जीएसटी संग्रह पर कोई विशेष असर नहीं पड़ा है। जीएसटी संग्रह ने लगातार दूसरे महीने शानदार प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में भी यह सकारात्मक रुझान जारी रह सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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