Business News: ग्रो की पैरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के आईपीओ का आज आखिरी दिन है। 6,632 करोड़ रुपये के इस प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम को निवेशकों का जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। इस आईपीओ में ताजा इश्यू 1,060 करोड़ रुपये का है जबकि शेष हिस्सा ऑफर फॉर सेल का है।
निवेशकों के लिए न्यूनतम लॉट साढ़े तीन सौ शेयरों का निर्धारित किया गया है। ग्रे मार्केट में आज ग्रो के शेयरों का जीएमपी 17 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसका मतलब है कि लिस्टिंग के दिन सत्रह फीसदी तक के लाभ की उम्मीद की जा रही है। आईपीओ सात नवंबर को बंद होगा।
आवंटन और लिस्टिंग की तिथियां
शेयरों का आवंटन दस नवंबर तक पूरा हो जाएगा। कंपनी के शेयरों की बाजार में लिस्टिंग बारह नवंबर को होनी तय हुई है। निवेशकों के बीच इस आईपीओ को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। आवंटन प्रक्रिया पूरी होने के बाद निवेशकों के डीमैट खातों में शेयर जमा किए जाएंगे।
लिस्टिंग के बाद शेयरों की ट्रेडिंग राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दोनों पर शुरू होगी। निवेशक इस आईपीओ में आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं। बैंकों की शाखाओं के माध्यम से भी आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
ग्रो कंपनी का परिचय
ग्रो एक डिजिटल वित्तीय प्लेटफॉर्म है जो सीधे ग्राहकों को शेयर, डेरिवेटिव, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड जैसी सेवाएं प्रदान करता है। जून 2025 तक इसके साढ़े बारह मिलियन सक्रिय ग्राहक थे। कंपनी ने डिजिटल निवेश के क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाई है।
कंपनी के चार सह-संस्थापकों ललित केशरे, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह की कंपनी में 26.6 फीसदी हिस्सेदारी है। इन संस्थापकों ने कंपनी को शुरू से विकसित किया है। कंपनी का प्रबंधन दल युवा और गतिशील है।
विशेषज्ञों की राय
बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार म्यूचुअल फंड ग्रो में दीर्घकालिक और लिस्टिंग लाभ दोनों दृष्टिकोण से अच्छा अवसर है। यह ज़ेरोधा के बाद दूसरा सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर है। यह सबसे अधिक म्यूचुअल फंड की एसआईपी होल्ड करने वाला ऐप भी है।
ट्रेडिंग और निवेश के लिए रिटेल निवेशकों के बीच यह प्लेटफॉर्म काफी लोकप्रिय है। निवेशक इस ऐप से अच्छी तरह परिचित हैं इसलिए आईपीओ को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। कंपनी के वित्तीय आंकड़े भी काफी मजबूत हैं।
वित्तीय प्रदर्शन और जोखिम
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को 1,800 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि एफएंडओ और म्यूचुअल फंड पर सेबी की सख्त नीतियों से कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ सकता है। कंपनी का अस्सी फीसदी मुनाफा ब्रोकरेज व्यवसाय से आता है।
कंपनी को मात्र बीस फीसदी लाभ अन्य स्रोतों से प्राप्त होता है। आय के स्रोतों में विविधता का अभाव कंपनी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। नियामकीय बदलाव कंपनी के व्यवसाय मॉडल को प्रभावित कर सकते हैं।
भविष्य की संभावनाएं
कई विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और लागत प्रबंधन की वजह से ग्रो का भविष्य उज्ज्वल है। हालांकि इसमें जोखिम भी शामिल हैं। आने वाले समय में डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में नियामकीय बदलाव आ सकते हैं।
डिजिटलीकरण की बढ़ती रफ्तार के साथ कंपनी के विकास के अवसर बने हुए हैं। युवा निवेशकों की बढ़ती संख्या कंपनी के लिए सकारात्मक संकेत है। तकनीकी बुनियादी ढांचे में निवेश कंपनी की विकास यात्रा को गति दे सकता है।
