Ballia News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक सख्त बयान दिया है। बलिया के जन नायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्होंने युवतियों को ऐसे संबंधों से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशन के दुष्परिणाम अनाथालयों में देखे जा सकते हैं।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि 15-20 साल की युवतियां एक-एक साल के बच्चे के साथ लाइन में खड़ी मिल जाएंगी। उन्होंने बेटियों को लुभावने झांसों में न आने की चेतावनी देते हुए अपना जीवन बेहतर लक्ष्यों के लिए समर्पित करने को कहा। यह टिप्पणी एक ऐसे समय में आई है जब लिव इन रिलेशनशिप पर सामाजिक और राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
नशे और दुष्प्रवृत्तियों पर जताई चिंता
आनंदीबेन पटेल ने युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने सह-जीवन संबंधों को एक दुष्प्रवृत्ति बताया। राज्यपाल ने कहा कि वह तभी खुश होंगी जब उत्तर प्रदेश का हर युवा नशे से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने युवाओं से अपने जीवन को सार्थक दिशा देने का आग्रह किया।
शिक्षा और शोध पर दिया जोर
राज्यपाल पटेल ने दीक्षांत समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और शोध पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत को विज्ञान और तकनीक में अग्रणी बनाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
विश्वविद्यालयों में सुधार की जरूरत
आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को नियमित कक्षाओं में उपस्थित रहना चाहिए। शिक्षकों से उन्होंने शोध की संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान किया। इस वर्ष विश्वविद्यालय में 19,560 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं।
दीक्षांत समारोह में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर छात्राओं की संख्या ने दबदबा दिखाया। कुल 15,878 स्नातक और 3,682 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उनकी डिग्रियां मिलीं। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह के रूप में आयोजित किया गया था जिसमें राज्यपाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।
लिव इन रिलेशनशिप पर यह टिप्पणी उस समय सामने आई है जब हाल ही में कुछ धार्मिक नेताओं के विवादास्पद बयानों ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी थी। बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी के मामले में तो घर पर फायरिंग की घटना तक हुई थी। राज्यपाल के बयान ने इस सामाजिक मुद्दे को फिर से केंद्र में ला दिया है।
