Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले लगातार घट रहे हैं। हर साल 50 हजार विद्यार्थी कम हो रहे हैं। पिछले साल 7.50 लाख विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था, जो इस साल घटकर सात लाख रह गया। उल्टे, निजी स्कूलों में दाखिले बढ़ रहे हैं। प्रदेश में 85% सरकारी स्कूल हैं, जहां 60% विद्यार्थी पढ़ते हैं। 15% निजी स्कूलों में 40% विद्यार्थी हैं। यह जानकारी शिमला में हुई बैठक में सामने आई।
शिक्षा निदेशालय का पुनर्गठन
शिमला में सोमवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन पर चर्चा हुई। शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षक संगठनों से सहयोग की अपील की गई। ज्यादातर संगठनों ने पुनर्गठन का समर्थन किया, लेकिन प्राइमरी टीचर फेडरेशन ने कुछ मुद्दों पर विरोध जताया। कोहली ने कहा कि नई व्यवस्था से कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शिक्षकों की पदोन्नति और पद भी सुरक्षित रहेंगे।
पीटीएफ का विरोध और जवाब
प्राइमरी टीचर फेडरेशन ने हाजिरी और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए। निदेशक कोहली ने जवाब दिया कि शिक्षक स्कूल में 10 से 4 बजे तक रहते हैं, इसलिए हाजिरी पर विवाद बेमानी है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी हर स्तर पर तय की गई है। अगर विद्यार्थियों की संख्या ऐसे ही घटी, तो भविष्य में गंभीर परिणाम होंगे। नई व्यवस्था से प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा और शिक्षकों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
क्लस्टर सिस्टम का लाभ
निदेशक ने बताया कि नया क्लस्टर सिस्टम लागू होने से विद्यार्थियों को लाभ होगा। पहली से 12वीं कक्षा तक एक ही परिसर में पढ़ाई होगी। इससे पांचवीं, सातवीं और 10वीं के बाद अगली कक्षा में दाखिले की परेशानी खत्म होगी। इससे ड्रॉपआउट दर कम होगी। शिक्षक संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया। बैठक में 13 यूनियनों के पदाधिकारी शामिल हुए। अतिरिक्त निदेशक बीआर शर्मा और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन से शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी। हालांकि, कुछ संगठनों ने हाजिरी और प्रशासनिक बदलावों पर चिंता जताई। निदेशक ने सभी को आश्वस्त किया कि कोई भी बदलाव शिक्षकों के हितों को प्रभावित नहीं करेगा। विद्यार्थियों की घटती संख्या पर सभी संगठनों से मिलकर काम करने की अपील की गई। बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी।
